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Maha Kumbh 2025 : सरकारी आंकड़ों में खुलासा- BOD बढ़ने के कारण स्नान के लिए असुरक्षित गंगा नदी का पानी

09:03 PM Feb 19, 2025 IST

नई दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा)

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में गंगा नदी का पानी वर्तमान में स्नान के लिए असुरक्षित है क्योंकि इसमें जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) निर्धारित सीमा से अधिक है। महाकुंभ के दौरान संगम में प्रतिदिन लाखों लोग डुबकी लगा रहे हैं। बीओडी, जल की गुणवत्ता निर्धारित करने के लिए एक प्रमुख मापदंड है।

अधिक जैविक सामग्री को प्रदर्शित करता है बीओडी का उच्च स्तर पानी
बीओडी, जल में जैविक पदार्थों को तोड़ने के लिए एरोबिक सूक्ष्मजीवों के लिए आवश्यक ऑक्सीजन की मात्रा है। बीओडी का उच्च स्तर पानी में अधिक जैविक सामग्री को प्रदर्शित करता है। यदि बीओडी का स्तर 3 मिलीग्राम प्रति लीटर से कम है तो नदी के पानी को स्नान के लिए उपयुक्त माना जाता है। सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि संगम में नदी का पानी वर्तमान में इस सीमा को पार कर रहा है। संगम में 16 जनवरी को सुबह 5 बजे बीओडी का स्तर 5.09 मिलीग्राम प्रति लीटर था। यह 18 जनवरी को शाम 5 बजे 4.6 मिलीग्राम प्रति लीटर और 19 जनवरी (बुधवार) को सुबह 8 बजे 5.29 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज किया गया।

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बीओडी का स्तर 3.94 मिलीग्राम प्रति लीटर था
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, 13 जनवरी को जब महाकुंभ शुरू हुआ था उस वक्त संगम में बीओडी का स्तर 3.94 मिलीग्राम प्रति लीटर था। मकर संक्रांति (14 जनवरी) को यह बेहतर होकर 2.28 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया और 15 जनवरी को और घटकर एक मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया। हालांकि, 24 जनवरी को यह बढ़कर 4.08 मिलीग्राम प्रति लीटर हो गया और मौनी अमावस्या (29 जनवरी) को 3.26 मिलीग्राम प्रति लीटर दर्ज किया गया।

3 फरवरी को राष्ट्रीय हरित अधिकरण को सौंपी गई रिपोर्ट में सीपीसीबी ने कहा कि प्रयागराज में अधिकांश स्थानों पर 12-13 जनवरी को निगरानी के दौरान नदी के पानी की गुणवत्ता ने स्नान के मानकों को पूरा नहीं किया। सीपीसीबी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हालांकि, उसके बाद, ऊपरी स्थानों पर ताजा पानी के प्रवेश के कारण जैविक प्रदूषण (बीओडी के संदर्भ में) कम होने लगा।

रिपोर्ट के अनुसार, 13 जनवरी के बाद, 19 जनवरी को गंगा नदी पर लॉर्ड कर्जन पुल के नीचे के स्थान को छोड़कर नदी के पानी की गुणवत्ता बीओडी के संबंध में स्नान के मानदंडों के अनुरूप है। अधिकारियों के अनुसार, गंगा में 10,000 से 11,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है ताकि यह स्नान के मानकों को पूरा करे। महाकुंभ 26 फरवरी को महा शिवरात्रि के दिन समाप्त हो जाएगा।

54 करोड़ से अधिक लोग लगा चुके हैं डुबकी
अब तक 54 करोड़ से अधिक लोग त्रिवेणी संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ नगर दुनिया का सबसे बड़ा अस्थायी शहर है, जहां हर समय 50 लाख से एक करोड़ श्रद्धालु मौजूद रहते हैं। ये तीर्थयात्री प्रतिदिन कम से कम 1.6 करोड़ लीटर मल-जल तथा खाना पकाने, कपड़े धोने और स्नान करने जैसी गतिविधियों से 24 करोड़ लीटर ग्रेवॉटर उत्पन्न करते हैं।

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