मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Maha Kumbh 2025 : अपनों से बिछड़ने से बचने के लिए रस्सियां, गांठ और घुंघरू बांधकर चल रहे श्रद्धालु; देखें नजारा

07:16 PM Feb 26, 2025 IST

महाकुंभनगर (उप्र), 26 फरवरी (भाषा)

Advertisement

Maha Kumbh 2025 : प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में लाखों लोगों की भीड़ के बीच श्रद्धालु अपने परिवार के अन्य सदस्यों से आसानी से बिछड़ सकने की आशंका के बीच, संगम तक जाते समय और वापस आते समय अपने परिचितों के साथ-साथ चलने के लिए अलग-अलग उपाय अपना रहे हैं। जहां कुछ लोग लंबी रस्सी लाए हैं और उन्होंने उससे एक ‘सुरक्षा घेरा' बनाया है जिसमें वे चल सकें, वहीं कई अन्य लोग एक-दूसरे के कपड़ों से गांठ बांधकर चल रहे हैं ताकि वे बिछड़ न जाएं।

बुधवार को महाशिवरात्रि के अवसर पर शुभ स्नान के साथ 45 दिवसीय महाकुंभ का समापन होगा। हर 12 साल बाद आयोजित होने वाले महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व बुधवार को ‘हर हर महादेव' के घोष के साथ प्रारंभ हो गया। तड़के से ही श्रद्धालुओं का गंगा और संगम में डुबकी लगाने का सिलसिला जारी है। इस बीच, सरकार ने श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की। अधिकारियों ने बताया कि सुबह 8 बजे तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई।

Advertisement

13 जनवरी से आरंभ हुए महाकुंभ में अब तक 65.37 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। सोमवार रात से लेकर कई लोग अपने प्रियजन और मित्रों से नदी किनारों या मेला क्षेत्र के अन्य हिस्सों में बिछड़ चुके हैं। इनमें से कई लोगों को मानवीय सहायता और डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से अपने परिजन से मिलाया जा चुका है। सेक्टर तीन, अक्षय वट रोड स्थित ‘खोया-पाया' केंद्र पर सोमवार देर रात 3 बजे भी चहल-पहल थी।

दूसरे के कपड़ों में गांठ बांधकर चल रहे
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से आए 34 तीर्थयात्रियों ने अपने समूह के चारों तरफ रस्सी का घेरा बनाया जिसे विभिन्न ओर से समूह के कुछ सदस्यों ने थाम रखा था। समूह में शामिल सोमदत्त शर्मा (34) ने कहा कि हमने यह सुरक्षा घेरा इसलिए बनाया है ताकि हम एक-दूसरे से बिछड़ न जाएं। हम पहली बार किसी कुंभ में आए हैं और हम एक-दूसरे से अलग होने के खतरों से वाकिफ हैं इसलिए हमने यह व्यवस्था की है। कई अन्य लोग एक दूसरे के कपड़ों में गांठ बांधकर चल रहे हैं।

पीली कोठी क्षेत्र के स्थानीय निवासी अजय कुमार कुंभ मेला शुरू होने के बाद से रोजाना अपने घर से तीर्थयात्रियों की भीड़ को गुजरते देखते हैं। उन्होंने कहा कि गांवों के लोग गांठ बांधकर चलते हैं। पुरुष तीर्थयात्री अपनी धोती के साथ अपने साथ आई महिला की साड़ी के पल्लू को बांधते हैं या दो महिलाएं एक-दूसरे के शॉल का उपयोग करके गांठ बांध लेती हैं।

कुछ लोग तो एक पैर में घुंघरू बांधकर चल रहे
उन्होंने कहा कि दरअसल कई लोग, विशेषकर बुजुर्ग, अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखते और उन्हें संपर्क नंबर भी मुश्किल से याद रहता है इसलिए एक बार बिछड़ जाने पर उनका फिर से मिलना बहुत मुश्किल हो जाता है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर वे गांठ बांधकर चलते हैं। एक अन्य श्रद्धालु अक्षत लाल ने कहा कि कुछ लोग तो एक पैर में घुंघरू बांधकर चल रहे हैं, ताकि भीड़ में खो जाने पर उनकी आवाज से एक-दूसरे को खोज सकें।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune newsHindi Newslatest newsMaha KumbhMaha Kumbh 2025Maha Kumbh NewsPrayagrajPrayagraj Newsदैनिक ट्रिब्यून न्यूजमहाकुंभ 2025महाकुंभ का नजारामहाकुंभ मेलामहाकुंभ समाचारहिंदी न्यूज