Maha Kumbh 2025 : किन्नर अखाड़े में शामिल Mamta Kulkarni को लेकर फिर विवाद, ऋषि दास के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की होगी पहल
महाकुंभ नगर, 31 जनवरी (भाषा)
पूर्व अभिनेत्री एवं हाल ही में महामंडलेश्वर बनाई गईं ममता कुलकर्णी को लेकर अखाड़े के कथित संस्थापक ऋषि अजय दास ने आपत्ति जताते हुए किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को ही पदमुक्त करने की घोषणा कर दी।
मेरे सिस्टम में होगा, वही मुझे निकाल सकता है
अजय दास ने शुक्रवार को अपने शिविर में कहा कि किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पद से मुक्त किया जाता है। त्रिपाठी ने सनातन धर्म और देश हित को दरकिनार करके देशद्रोह जैसे मामले में लिप्त ममता कुलकर्णी को अखाड़े की परंपरा का अनुपालन किए बगैर सीधे महामंडलेश्वर पद पर पट्टाभिषेक कर दिया। कुछ ही देर बाद किन्नर अखाड़ा की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी संवाददाता सम्मेलन किया, जिसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, “जो भी मेरे बोर्ड और मेरे सिस्टम में होगा, वही मुझे निकाल सकता है।”
त्रिपाठी ने कहा, “ममता कुलकर्णी महामंडलेश्वर हैं और बनी रहेंगी। उनके खिलाफ अब कोई आरोप नहीं है और सारे मामले रद्द किए जा चुके हैं। हमारी कानूनी टीम अजय दास के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए पहल करेगी।”उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, “जिस व्यक्ति (ऋषि अजय दास) को हमने 2017 में मुक्त कर दिया, और वह गृहस्थ जीवन जीने लगे और 2016 के उज्जैन कुंभ में किन्नर अखाड़े का सारा पैसा उन्होंने गबन कर दिया। 2019 के प्रयागराज कुंभ में किन्नर अखाड़ा का जूना अखाड़ा से अनुबंध हुआ और महंत हरि गिरि को हमने अपना गुरु बनाया।”
त्रिपाठी ने कहा, “हम अपने गुरु के चेले हैं... वह ऋषि अजय दास लिखते हैं, अर्चना दास से उनकी शादी हुई और कनक उनकी बेटी का नाम है। पायलट बाबा के शिविर में किन्नर अखाड़ा के बारे में निर्णय करने वाले वह कौन होते हैं।”अगर ऋषि अजय दास संस्थापक होते तो यहां (किन्नर अखाड़ा) होते। हमारे अखाड़े के संविधान में नर, नारी सभी को अखाड़े में शामिल करने का प्रावधान है। किन्नर अखाड़े के संस्थापकों में मैं, दुर्गादास और देशभर से 22 संगठन शामिल हैं।