Maha Kumbh 2025 : अखिलेश ने की महाकुंभ में कैबिनेट बैठक की आलोचना, सियासी कदम दिया करार
लखनऊ, 22 जनवरी (भाषा)
सपा अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कुंभ मेला क्षेत्र में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित करने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार की आलोचना की। इसे संदेश देने के लिए उठाया गया एक राजनीतिक कदम बताया। उनकी यह प्रतिक्रिया मेला परिसर में प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मंत्रियों द्वारा त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के तुरंत बाद आई।
यादव ने दिवंगत समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि के अवसर पर लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में कहा, ‘‘कुंभ और प्रयागराज राजनीति या राजनीतिक कार्यक्रमों की जगह नहीं है। वहां आयोजित पूरी कैबिनेट बैठक राजनीतिक है जिसका उद्देश्य राजनीतिक संदेश देना है।'' यादव ने संगम में पवित्र डुबकी लगाने के बारे में पूछे गए सवाल का भी जवाब दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी के सदस्यों को अपनी माताओं और गंगा में गहरी आस्था है। हममें से कई लोग बिना किसी प्रचार या सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा किए पहले ही डुबकी लगा चुके हैं।'' कार्यक्रम के दौरान यादव ने जनेश्वर मिश्र को पुष्पांजलि अर्पित की और उन्हें ‘सादगी का प्रतीक व्यक्ति' तथा समाजवादी आंदोलन के एक दिग्गज नेता के रूप में वर्णित किया। मिश्र जी ने अपना जीवन समाजवादी पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित कर दिया।
उन्हें 'छोटे लोहिया' के नाम से जाना जाता था। उनके लिए सबसे अच्छी श्रद्धांजलि यही होगी कि समाजवादी उनके दिखाए रास्ते पर चलें। वक्फ कानून में प्रस्तावित संशोधन पर यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा ‘सबसे बड़ी भू-माफिया' बन रही है और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कानूनों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने दावा किया कि वे वक्फ की जमीनों पर कब्जा करने और विवादों को सुलझाने के बजाय उन्हें बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
यह परंपरा लोकतंत्र के लिए गलत है
मिल्कीपुर में होने वाले उपचुनाव पर यादव ने भाजपा पर प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक लखनऊ (सरकार) के इशारे पर काम कर रहे हैं। जनता निष्पक्ष चुनाव चाहती है। अगर ऐसा होता है तो सपा ऐतिहासिक जीत हासिल करेगी। भाजपा पुलिस और अधिकारियों का इस्तेमाल करके चुनाव में धांधली करने की कोशिश कर रही है। यादव ने "चुनावों को प्रभावित करने के लिए अधिकारियों का इस्तेमाल करने के बढ़ते चलन की भी आलोचना की और कहा, "यह परंपरा लोकतंत्र के लिए गलत है।"