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Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ में बैल बचाओ अभियान की अनोखी पहल, लगाए गए बैल चालित कोल्हू और चक्की

05:35 PM Feb 12, 2025 IST
maha kumbh 2025   महाकुंभ में बैल बचाओ अभियान की अनोखी पहल  लगाए गए बैल चालित कोल्हू और चक्की
प्रयागराज में माघी पूर्णिमा के स्नान के लिए उमड़े श्रद्धालु। पीटीआई फोटो
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महाकुंभ नगर, 12 फरवरी (भाषा)

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Maha Kumbh 2025 : शंकराचार्य और अन्य साधु संत जहां महाकुंभ मेले में देशी गाय को बचाने और उसे राष्ट्रमाता घोषित करने की दिशा में अभियान चला रहे हैं, वहीं इस मेले में बैलों को बचाने की एक अनूठी मुहिम शुरू करते हुए जयपुर के राहुल शर्मा ने सेक्टर-आठ में अपने शिविर के बाहर बैल चालित कोल्हू और चक्की लगाई है।

राहुल शर्मा ने 'पीटीआई-भाषा' से कहा, “जैसे नर बिना नारी अधूरा है, उसी तरह बैल के बिना गाय अधूरी है। हर कोई गाय बचाने की बात कर रहा है, लेकिन बैल पर कोई ध्यान नहीं दे रहा और बैलों को सड़कों पर छोड़ दिया गया है।” उन्होंने कहा, “ट्रैक्टर आने से बैलों की उपयोगिता खत्म हो गई और वे बेकार हो गए।

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अब सरकार और डॉक्टर जैविक खाद्य पदार्थों की बात कर रहे हैं। वहीं, विदेशों में 'कोल्ड प्रेस्ड' के नाम पर तेल ऊंचे दाम पर बिक रहा है। यही कोल्ड प्रेस्ड तेल हमारे पूर्वज सदियों से खाते आए हैं। हम बैलों को फिर से उपयोगी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।” महाकुंभ मेले में लगाई गई बैल चालित चक्की के बारे में शर्मा ने बताया कि वह इस डेढ़ टन की चक्की को हरियाणा के झज्जर से लेकर आए हैं। बैल चालित यह चक्की एक घंटे में 50 किलो आटा पीसती है।

वहीं, बैल से चलने वाला कोल्हू एक दिन में चार लीटर तेल निकालता है। उन्होंने बताया कि वह जल्दी ही लखनऊ में प्रथम बुल पावर क्लब बनाने जा रहे हैं जहां बैल से चलने वाली चक्की, कोल्हू और गोकाष्ट (गोबर से लकड़ी बनाने) मशीन के जरिए किसानों और आम उपभोक्ताओं को जोड़ा जाएगा।

इस क्लब के सदस्य पोषण से भरपूर आटा और तेल प्राप्त कर स्वस्थ रह सकेंगे, वहीं किसान बैल के संरक्षण के प्रति प्रेरित होंगे। अमेरिका के डेट्रायट नगर से आईं संगीता पटेल ने इस चक्की और कोल्हू को देखने के बाद कहा, “बचपन में जब मैं गुजरात में थी, तभी यह चक्की और कोल्हू देखी थी। इसे देखकर बचपन की याद ताजा हो गई। यहां कोल्हू और चक्की को चलता देखकर अच्छा लगा।”

संगीता के पति नरेश पटेल ने कहा, “डेट्रायट में कोल्ड प्रेस्ड सरसों का तेल 30 डॉलर प्रति लीटर के भाव मिलता है। यह तेल लो आरपीएम में निकाला जाता है, जबकि भारत में यही तेल बैल से चलने वाले कोल्हू निकालते थे।” जयपुर स्थित नमामि गौ मातरम फाउंडेशन के संस्थापक राहुल शर्मा ने बताया कि उन्होंने देशी गायों पर आधारित नववर्ष का एक कैलेंडर भी तैयार किया है, जिसमें महाकुंभ मेले की तस्वीर के साथ हर प्रदेश की देशी गाय और उसके बारे में जानकारी दी गई है।

शर्मा ने बताया कि महाकुंभ मेले में इस कैलेंडर का अनावरण निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, जूना अखाड़ा के पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि और श्री श्री रवि शंकर आदि ने किया।

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