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दक्षिण हरियाणा का पेयजल संकट दूर करेगी आवर्धन नहर, 490 करोड़ से बढ़ेगी क्षमता

12:36 PM Jun 26, 2023 IST
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करनाल, 25 जून (हप्र)

प्रदेश सरकार द्वारा दक्षिण हरियाणा के जिलों में ज्यादा पानी पहुंचाने के लिए हमीदा हैड जगाधरी से लेकर पिचौलिया हैड मूनक तक करीब 76 किलोमीटर लम्बी नहर की क्षमता बढ़ाई जाएगी।

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नहर की क्षमता बढ़ाने पर करीब 490 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट खर्च किया जाएगा। सिंचाई विभाग का दावा है कि नहर का निर्माण कार्य दिसम्बर 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा।

वर्तमान में नहर की क्षमता 45 सौ क्यूसिक है, लेकिन नहर की जर्जर हालात देखते हुए करीब 32 सौ क्यूसिक पानी की नहर से दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाया जा रहा है। नहर की क्षमता 6 हजार क्यूसिक होने से दक्षिण हरियाणा में क्षमता अनुसार पूरा पानी पहुंचाया जा सकेगा। दक्षिण हरियाणा के कई जिले उत्तर भारत से निकलने वाली नहरों के पानी पर निर्भर हैं। दक्षिण हरियाणा में पानी का संकट, राजनीति की दिशा निर्धारित करता है। पानी की राजनीति अन्य मुद्दों पर भारी रहती हैं, इसे देखते हुए कोई भी सरकार पानी का जोखिम मोल नहीं लेना चाहती।

बता दें कि दक्षिण हरियाणा के विभिन्न जिलों में पानी पहुंचाने के लिए 1969-70 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. बंसीलाल ने 1969-70 में आवर्धन नहर की खुदाई कराई थी।

पूरी नहर को बनाया जाएगा नया

सिंचाई विभाग के अधिकारी ने बताया कि 76 किलोमीटर लंबी नहर में जहां पर गहराई करने की जरूरत होगी, वहां पर गहरा किया जाएगा, जहां पर चौड़ाई बढ़ाने की जरूरत होगी, वहां पर नहर को चौड़ा किया जाएगा। यही नहीं नहर पर करीब 72 ढांचागत निर्माण किया जाएगा, इनमें करीब 48 नये पुल भी शामिल हैं।

इसलिए किया था नहर का निर्माण

नगर को अगमनटेशन चैनल (आवर्धन नहर) भी कहा जाता है, इस नहर को तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसीलाल ने यमुनानगर, करनाल जिला में चोवा अर्थात पानी की धरातल पर ज्यादा उपलब्धता की समस्या को दूर करने के लिए करवाया था, दूसरा अतिरिक्त पानी को दक्षिण हरियाणा तक पहुंचाना था ताकि पानी का सदुपयोग हो सके।

नहर की क्षमता 45 सौ क्यूसिक से 6 हजार क्यूसिक किया जा रहा है, 76 किलोमीटर लम्बी नहर पर करीब 490 करोड़ रुपए खर्च होंगे। नहर बनाने का निर्माण कार्य दिसंबर, 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। नहर को करीब 1970 में बनाया गया था। नहर का मकसद दक्षिण हरियाणा में ज्यादा पानी की निर्बाध सप्लाई पहुंचाना है।

-नवतेज सिंह, एक्सईएन, सिंचाई विभाग करनाल।

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