For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Maghi Mela Special : गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला करने की मुगल को आज भी मिल रही सजा, कब्र पर जूते-चप्पल मारते हैं श्रद्धालु

01:11 PM Jan 14, 2025 IST
maghi mela special   गुरू गोबिंद सिंह जी पर हमला करने की मुगल को आज भी मिल रही सजा  कब्र पर जूते चप्पल मारते हैं श्रद्धालु
Advertisement

चंडीगढ़ , 14 जनवरी (ट्रिन्यू)

Advertisement

Maghi Mela Special : पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में आज माघी के शुभ अवसर पर सुबह से ही शाही स्नान हो रहा है। श्रद्धालु यहां दूर-दूर से श्री टूटी गंडी साहिब सरोवर में स्नान करने के लिए आते हैं। वहीं, मुक्तसर के हर गुरुद्वारे में माघी के अवसर पर मेला लगता है। वैसे तो मुक्तसर में गुरु के कई गुरुद्वारे हैं लेकिन सबसे मशहूर है दातनसर साहिबर।

दरअसल, यह गुरुद्वारा यहां बनी मुगल सैनिक की कब्र की वजह से मशहूर है। यहां बनी मुगल सैनिक की क्रब पर लोग फूल चढ़ाने या अगरबत्ती जलाने के बजाए जूते-चप्पल मारते हैं। कहा जाता है कि एक बार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी सुबह दांत साफ करने के लिए टिब्बी साहिब से यहां पहुंचे थे। तब एक मुगल सैनिक जो सिख वेश में था, उसने पीछे से गुरु साहिब पर हमला कर दिया। गुरु साहिब ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और अपने पास रखे बर्तन से उसके सिर पर वार किया।

Advertisement

मुगल सैनिक की मौके पर ही मौत हो गई और उसे गुरुद्वारे के पास ही दफना दिया गया। गुरु साहिब के निर्देश पर तीर्थयात्री अपने जूतों से उसकी कब्र पर 5 बार मारते हैं। तब से, कब्र को जूतों से पीटने की प्रथा चली आ रही है। मुगल सैनिक की कब्र गुरुद्वारा साहिब के पूर्व दिशा में मौजूद है।

क्यों मनाया जाता है माघी मेला?

माघी वह अवसर है, जब दसवें सिख गुरु गोबिंद सिंह के लिए लड़ने वाले चालीस सिखों के बलिदान को श्रद्धालु याद करते हैं। पहले सिखो ने गुरु जी के लिए लड़ने से इंकार कर दिया था, लेकिन फिर माई भागो ने उन्हें ऐसा प्रेरणा दी कि उनका नाम इतिहास में दर्ज हो गया। अपने प्राण तक बलिदान करने वाले इन सिखो को गुरु गोबिंद सिंह जी के "चाली मुक्ते" कहा जाता है।

Advertisement
Tags :
Advertisement