मिल मालिकों को छूट देकर मना रही मान सरकार
रुचिका एम. खन्ना/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 अक्तूबर
पंजाब में धान की धीमी खरीद को लेकर जहां किसान यूनियनों ने 51 स्थानों- 25 टोल प्लाजा और 26 राजनेताओं के आवास के बाहर धरना जारी रखा, वहीं राज्य सरकार चावल मिल मालिकों को धान मिलिंग के लिए अपने साथ लाने के लिए रियायतें देकर लुभाने का प्रयास कर रही है। भगवंत मान सरकार ने उन्हें कई तरह की छूट दी हैं, जिसके चलते 2000 चावल मिल मालिकों ने धान की मिलिंग के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, अधिकांश चावल मिल मालिक (शेष 3500) अभी भी मिलिंग से विमुख हैं, मुख्य रूप से पीआर 126 और हाइब्रिड किस्मों को लेकर।
करीब 2000 मिलर्स के साथ आने से धान के उठान में थोड़ी तेजी आई है। सोमवार को मंडियों से 1.15 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) धान का उठान हुआ। हालांकि, 22.40 एलएमटी धान अभी भी उठाया नहीं गया है, जिससे मंडियां धान से भर गई हैं। अब तक मंडियों में 30.88 एलएमटी धान की आवक हो चुकी है, जिसमें से 27.68 एलएमटी की खरीद हो चुकी है और अब तक कुल 5.28 एलएमटी का उठान हो चुका है, जो कि आवक का सिर्फ 17 प्रतिशत है। यह समस्या उन मंडियों में ज्यादा है, जहां किसान सबसे ज्यादा पीआर 126 और हाइब्रिड किस्में ला रहे हैं। खन्ना के एक कमीशन एजेंट हरबंस रोशा ने कहा कि अनाज मंडी के आसपास के 45 शैलरों ने धान उठाना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘यहां आये कुल धान का 50 प्रतिशत उठा लिया गया है।’
चावल मिल मालिकों को ये रियायतें
- सभी चावल मिलों के पंजीकरण के लिए पोर्टल को फिर से खोलना।
- नयी चावल मिलों को मौजूदा मिलों के बराबर अधिकतम मुफ्त धान आवंटन।
- रिलीज ऑर्डर योजना के तहत धान की मिलिंग के लिए गैर-वापसी योग्य शुल्क 75 रुपये प्रति टन से घटाकर 15 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। कम मिलिंग क्षमता वाले स्थानों पर इसे 50 से घटाकर 10 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
- 22 अक्तूबर से उठान शुरू करने वाली मिलों को रिलीज ऑर्डर शुल्क का रिफंड मिलेगा।
- छह सीमावर्ती जिलों में मिलों को आवंटित किए जाने वाले मुफ्त/ लिंक्ड धान में 20 प्रतिशत की वृद्धि।