‘मां कुष्मांडा ब्रह्मांड की रचनाकार’
पिपली (कुरुक्षेत्र), 12 अप्रैल (निस)
चैत्र नवरात्र के चौथे दिन शक्तिपीठ में मां भद्रकाली को गुलाबी वस्त्रों में सजाकर कुष्मांडा स्वरूप में पूजा की गई। मंदिर की मुख्य पुजारिन शिमला देवी ने मंगल आरती की। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में सुरेश सिंघल पहुंचे। पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने बताया कि मां कुष्मांडा ब्रह्मांड की रचनाकार है। इनकी आठ भुजाएं हैं। इनके 7 हाथों में कमंडल, धनुष,बाण, कमल पुष्प, कलरश, चक्र और गदा है। आठवें हाथ में सभी सिद्धियां और निधियों को देने वाली माला है। देवी के हाथों में जो अमृत कलश है वह अपने भक्तों को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वर देती है।
मंदिर में नवचंडी यज्ञ
मुस्तफाबाद (निस) : सीताराम मंदिर में महंत हरीदास की देखरेख में नवचंडी यज्ञ चल रहा है। जिसमें मुख्य यजमान अनुराग प्रजापति, पुष्पलता प्रजापति हैं। महंत हरिदास ने बताया कि है यह यज्ञशाला रघुनाथ प्रजापति ने बनवाई थी, तभी से यहां हर वर्ष नवरात्र में नवचंडी यज्ञ का आयोजन करवाया जाता है।