चंडीगढ़ के डॉ. बांसल के साथ लुधियाना की ड्रग इंस्पेक्टर भी बनायी सह आरोपी
बरनाला, 2 जनवरी (निस)
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे 22 नशामुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली दवाइयों के दुरुपयोग के मामले में चंडीगढ़ के रहने वाले डॉ. अमित बांसल को गिरफ्तार किया था। इस मामले में खास बात यह है कि केस में लुधियाना की ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर को भी सह-आरोपी बनाया गया है। बता दें कि डॉ. अमित पंजाब के 22 नशामुक्ति केंद्र चला रहे हैं। यहां नशे के आदी मरीजों को नशा छुड़ाने के लिए एडनोक-एन 0.4 और एडनोक-एन 2.0 नामक गोलियां दी जाती हैं। इन नशामुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने वाली गोलियों का दुरुपयोग हो रहा था। इन गोलियों को बाजार में बेचा जा रहा था। यही नहीं, इससे पहले भी आरोपी के लुधियाना स्थित केंद्र के 2 कर्मचारियों पर भी 3 साल पहले केस दर्ज किया गया था। उनसे 23,000 गोलियां और 90,000 रुपए की ड्रग मनी मिली थी। मौके पर स्पेशल टास्क फोर्स की टीम ने ड्रग इंस्पेक्टर रूपप्रीत कौर की मौजूदगी में नशामुक्ति केंद्र की जांच की, जहां रिकॉर्ड के अनुसार 4610 गोलियां कम पाई गई थीं। आरोप है कि ड्रग इंस्पेक्टर ने निदेशक स्वास्थ्य विभाग को एक अलग रिपोर्ट भेजी थी। आरोप है कि उन्होंने डॉ. अमित से मिलीभगत कर उसे कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए 4610 गोलियों के बजाय 4000 गोलियों की कमी का ही उल्लेख किया था।