दो बार उत्तराखंड के महाधिवक्ता रहे एलपी नैथानी का निधन, CM ने जताया शोक
देहरादून, 30 जुलाई (ट्रिन्यू)
LP Naithani: दो बार उत्तराखंड हाई कोर्ट में महाधिवक्ता रहे एलपी नैथानी का दुबई में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताया। उन्होंने ईश्वर से पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री @pushkardhami जी ने उत्तराखण्ड के पहले महाधिवक्ता श्री एल.पी. नैथानी जी के निधन पर शोक व्यक्त किया।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने ईश्वर से पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोक संतप्त परिजनों को यह असीम कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की…
— Office Of Pushkar Singh Dhami (@OfficeofDhami) July 29, 2024
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार दिवंगत नैथानी का अंतिम संस्कार हरिद्वार में ही होगा। शव दुबई से भारत लाया जा रहा है। मूलरूप से पौड़ी जिले के नैथाणा गांव के निवासी एलपी नैथानी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में वकालात शुरू कि थी। इसके बाद राज्य गठन के बाद उन्हें भाजपा की अंतरिम सरकार में महाधिवक्ता के पद पर नियुक्त किया गया। नारायण दत्त तिवारी सरकार में भी वह महाधिवक्ता रहे।
नैथानी की पढ़ाई इलाहाबाद में ही हुई। 1953 में उन्होंने एलएलबी की डिग्री ली और 1959 में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश में पंजीकृत हुए। संवैधानिक विषयों पर उनकी मजबूत पकड़ थी। वह कई विभागों और संस्थानों के अधिवक्ता रहे।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और इस मामले की इलाहाबाद हाई कोर्ट से सीबीआई जांच के आदेश कराने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसके अलावा अधिवक्ता नैथानी पर्यावरण कानून, मानव अधिकार कानून और सामाजिक मुद्दों के विद्वान थे।