Election Result: भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, NDA को बहुमत
चंडीगढ़, 4 जून (ट्रिब्यून/एजेंसियां)
Loksabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव के अब तक आए नतीजों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की ओर अग्रसर है लेकिन बहुमत से वह दूर नजर आ रही है। लिहाजा, सरकार बनाने के लिए उसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के अपने सहयोगियों पर निर्भर रहना पड़ेगा, जबकि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' एक मजबूत ताकत के रूप में उभरती दिख रही है।
जैसे-जैसे लोकसभा चुनावों के लिए मतों की गिनती आगे बढ़ी, रुझानों में स्पष्ट होता चला गया कि सत्तारूढ़ गठबंधन उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है और एग्जिट पोल के अनुमान भी गलत साबित हो रहे हैं।
अब तक के रूझान और नतीजे इस बात की भी तस्दीक कर रहे हैं कि किसी एक दल को बहुमत देने के पिछले एक दशक के जनादेश में बदलाव आया है और एक बार फिर देश की राजनीति में गठबंधन युग की वापसी हो रही है।
तकरीबन साढ़े पांच बजे तक के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भाजपा 38 सीटों पर जीत दर्ज कर चुकी थी जबकि 201 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे थे। भाजपा कुल मिलाकर 239 सीटों पर आगे थी।
543 सदस्यों वाली लोकसभा में बहुमत के लिए आवश्यक 272 के जादुई आंकड़े से वह पीछे है। हालांकि राजग का आंकड़ा 300 के करीब पहुंचता दिख रहा है। वहीं दूसरी ओर ‘इंडिया' गठबंधन करीब 227 सीटों पर आगे है।
कांग्रेस 12 सीटों पर जीत चुकी है और 87 सीटों पर उसके उम्मीदवार आगे हैं। साल 2019 के प्रदर्शन के मुकाबले कांग्रेस लगभग दोगुनी सीट की ओर आगे बढ़ती दिख रही है। पिछले चुनाव में भाजपा के पास 303 जबकि राजग के पास 350 से अधिक सीटें थीं।
राजग यदि फिर से सत्ता में आता है और नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में वह जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे।
भाजपा को इस चुनाव में उत्तर प्रदेश में में खासा झटका लगा है जहां समाजवादी पार्टी ने उसे पीछे छोड़ दिया है। राजस्थान और हरियाणा में भी उम्मीद के विपरीत उसका प्रदर्शन रहा। चुनावी परिदृश्य बहुत साफ तो नहीं है लेकिन इसके बावजूद दोनों प्रमुख गठबंधन के नेताओं ने अपने-अपने दावे किए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने कहा, ‘‘यह करीबी मुकाबला नहीं है। भाजपा के नेतृत्व वाला राजग प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाने जा रहा है। मतगणना खत्म होने दीजिए, यह स्पष्ट हो जाएगा। देश की जनता मोदी के साथ है।''
कांग्रेस के जयराम रमेश ने मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘वह दिखावा करते थे कि वह असाधारण हैं।'' उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘अब यह साबित हो गया है कि निवर्तमान प्रधानमंत्री अब पूर्व प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। वह नैतिक जिम्मेदारी लें और इस्तीफा दें। यह इस चुनाव का संदेश है।''
उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जो लोकसभा में 80 सांसदों को भेजता है और भाजपा के लिए पिछले दो लोकसभा चुनावों में यह राज्य खेल बदलने वाला साबित हुआ है। सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा विरोधी वोटों को एकजुट करके भाजपा को उसके सबसे मजबूत गढ़ में मात दे दी है। पिछली बार 62 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा 32 सीटों पर आगे है।
अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा 38 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। साल 2019 में उसे सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिल सकी थी। कांग्रेस छह सीटें जीतने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
मोदी वाराणसी में 1.52 लाख वोटों से आगे है। हालांकि, उनकी पार्टी की सहयोगी स्मृति ईरानी अमेठी में कांग्रेस उम्मीदवार और गांधी परिवार के किशोरी लाल शर्मा से 1.31 लाख से अधिक मतों से पीछे हैं।
रायबरेली से राहुल गांधी, लखनऊ से राजनाथ सिंह और कन्नौज से अखिलेश यादव आगे हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने जहां उत्तर प्रदेश में ‘इंडिया' गठबंधन का मनोबल ऊंचा रखा है, वहीं ‘इंडिया' गठबंधन की प्रमुख सहयोगी तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में 29 सीटों पर आगे है।
साल 2019 में 22 सीटों के मुकाबले सात सीटों की बढ़त हासिल करती दिख रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में 18 सीटों पर जीत हासिल करने वाली भाजपा फिलहाल 12 सीटों पर आगे है। पड़ोसी राज्य बिहार में, भाजपा 12 और उसकी सहयोगी जद-यू भी 12 सीटों पर आगे है। राजद चार सीटें जीतने की ओर अग्रसर है।
राजस्थान में भाजपा ने जयपुर लोकसभा सीट जीत ली है जबकि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव समेत पार्टी के 13 उम्मीदवार रुझानों में आगे हैं।
वहीं कांग्रेस आठ सीट पर बढ़त बनाए हुए है। 'इंडिया' के घटक दल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) एक-एक सीट पर आगे हैं। इसी तरह बांसवाड़ा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) का उम्मीदवार आगे है।
अड़तालीस लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में शिवसेना इस बार दो धड़ों में बंटी हुई है। पांच साल पहले 23 सीटें जीतने वाली भाजपा 11 सीटों पर बढ़त हासिल किए हुए है जबकि उसकी सहयोगी शिवसेना छह सीटें जीत सकती है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस 11 सीटों पर आगे है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना 11 सीटों पर आगे है। आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) 25 में से 16 सीटों पर, भाजपा तीन पर और वाईएसआरसीपी चार सीटों पर आगे है।
कर्नाटक के रुझानों के अनुसार कांग्रेस वहां लाभ की स्थिति में है। वह नौ सीटों पर बढ़त में हैं जबकि 2019 में 25 सीटें पाने वाली भाजपा 17 पर आगे है। केरल के सुदूर दक्षिण भारत में भाजपा अपना खाता खोल सकती है।
रुझानों के अनुसार उसे एक सीट मिल सकती है। पिछली बार 15 सीटें पाने वाली कांग्रेस 14 पर आगे है। इसमें वायनाड भी शामिल है जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। माकपा को एक सीट पर बढ़त हासिल है।
तमिलनाडु एक बार फिर भाजपा को खारिज करता दिख रहा है। सत्तारूढ़ द्रमुक 22 और कांग्रेस नौ सीटों पर आगे है। दोनों दलों का प्रदर्शन ठीक उसी तरह दिख रहा है, जैसा 2019 में था।
लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा और आंध्र प्रदेश में विधानसभा के भी चुनाव हुए थे। इन चुनावों में दोनों राज्यों के सत्तारूढ़ दलों को जनता खारिज करती दिख रही है। ओडिशा में नवीन पटनायक नीत बीजद अप्रत्याशित हार की ओर बढ़ रहा है। रिकॉर्ड छठी बार मुख्यमंत्री बनने की पटनायक की कोशिशों को जोरदार झटका लगा है।
भाजपा ने ओडिशा में कम से कम 80 विधानसभा सीटों पर बढ़त हासिल कर ली है। दूसरी ओर, बीजद उम्मीदवार राज्य की 147 विधानसभा सीटों में से 49 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे हैं। कांग्रेस भी 14 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है।
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) 175 सदस्यीय विधानसभा में 125 सीटों पर बढ़त के साथ सत्ता की ओर बढ़ रही है। वाई एस जगन रेड्डी के नेतृत्व वाला वाईएसआरसीपी केवल 21 सीटों पर आगे है। भाषा ब्रजेन्द्र2,01,543 मतों से हराया। निर्वाचन आयोग के अनुसार भाजपा उम्मीदवार लुंबाराम को कुल 7,96,783 मत जबकि वैभव गहलोत को 5,95,240 मत मिले।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का यह दूसरा लोकसभा चुनाव था। साल 2019 का लोकसभा चुनाव वह जोधपुर सीट से लड़े थे जहां भाजपा के गजेंद्र सिंह शेखावत ने उन्हें 2,74,440 मतों से हरा दिया था। वर्ष 2019 के आम चुनाव में जालोर सीट पर भाजपा के देवजी पटेल ने कांग्रेस के रतन देवासी को 2,61,110 मतों से हराया था।
अमित शाह ने 7.44 लाख से अधिक मतों के अंतर से जीते
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता एवं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को गुजरात की गांधीनगर लोकसभा सीट अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार सोनल पटेल को 7.44 लाख से अधिक मत के भारी अंतर से हराकर जीत ली।
भारत निर्वाचन आयोग ने यह जानकारी दी। इस प्रतिष्ठित सीट के लिए मतगणना समाप्त होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित परिणाम के अनुसार, शाह को 10,10,972 वोट मिले, जबकि पटेल को 2,66,256 लाख वोट मिले।
शाह ने इस निर्वाचन क्षेत्र से लगातार दूसरी बार जीत हासिल की है। शाह ने 2019 के चुनावों में 5.57 लाख से अधिक मत के अंतर से यह सीट जीती थी।
इससे पहले, लोकसभा में गांधीनगर का प्रतिनिधित्व भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1996 में यह सीट जीती थी लेकिन उन्होंने उस समय लखनऊ सीट पर भी जीत हासिल की थी और उन्होंने लखनऊ सीट के प्रतिनिधित्व का विकल्प चुना था।
राहुल गांधी ने रायबरेली सीट पर 3,90,030 मतों के अंतर से जीती
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को रायबरेली संसदीय सीट पर 3,90,030 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। निर्वाचन आयोग के अनुसार कांग्रेस उम्मीदवार गांधी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राज्य सरकार के मंत्री, भाजपा उम्मीदवार दिनेश प्रताप सिंह को 3,90,030 मतों के अंतर से पराजित किया।
गांधी को 6,87,649 मत तथा दिनेश प्रताप को 2,97,619 मत मिले। यहां बसपा उम्मीदवार ठाकुर प्रसाद यादव को 21,624 मत मिले। रायबरेली संसदीय सीट पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 2004 से 2019 तक लगातार चुनाव जीतती रहीं लेकिन 2024 में वह चुनावी लड़ाई से बाहर हो गयीं। उनकी जगह कांग्रेस से राहुल गांधी चुनाव मैदान में उतरे और यहां जीत दर्ज की।
पिछली बार सोनिया गांधी ने 1,67,178 मतों के अंतर से रायबरेली में दिनेश प्रताप को पराजित किया था। राहुल गांधी 2019 में अमेठी संसदीय क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पराजित हो गये थे। वह केरल के वायनाड से चुनाव जीत गये थे और इस बार भी वहां से चुनाव में उम्मीदवार थे।
चुनाव में सोनिया गांधी ने इस बार रायबरेली की सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि ''मैं आपको अपना बेटा सौंप रही हूं और मुझे भरोसा है कि वह आपके विश्वास पर खरा उतरेंगे।'' रायबरेली संसदीय सीट का राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी और दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी प्रतिनिधित्व किया था।