Lok Sabha session: गंगोपाध्याय व बनर्जी की टिप्पणियों पर बिरला बोले- आसन को चुनौती न दें
नयी दिल्ली, 25 जुलाई (भाषा)
Om Birla: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भारतीय जनता पार्टी के सदस्य अभिजीत गंगोपाध्याय तथा तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की टिप्पणियों की पृष्ठभूमि में बृहस्पतिवार को सदस्यों से कहा कि वे सदन की मर्यादा रखें तथा आसन को चुनौती नहीं दें।
सदन की कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस सदस्यों ने गंगोपाध्याय की ‘आपत्तिजनक' टिप्पणी का विषय उठाया। इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा, ‘‘कोई भी सदस्य सदन की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली टिप्पणी करे, वो दुर्भाग्यपूर्ण है।''
उनका कहना था, ‘‘सदस्य चाहे सत्तापक्ष का हो या विपक्ष का हो, अगर वह सदन की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली टिप्पणी करता है तो शब्दों को कार्रवाई से हटाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उचित कार्रवाई करने या उचित टिप्पणी करने का अधिकार भी अध्यक्ष को है।''
रीजीजू के अनुसार, जब गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की तो वह उस समय लोकसभा में नहीं, बल्कि राज्यसभा में थे। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सदन के अंदर उचित वक्तव्य नहीं दिया गया है तो माननीय अध्यक्ष उचित कार्रवाई जरूर करेंगे।''
संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के माध्यम से सदस्यों से कहा कि सदन के सदस्यों को शिष्टाचार बनाए रखना चाहिए और अप्रिय टिप्पणी नहीं करनी चाहिए..... #BudgetSession2024 @KirenRijiju @ombirlakota @LokSabhaSectt pic.twitter.com/AtgqFoZUXJ
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बिरला ने कहा, ‘‘इस सदन की एक मर्यादा है। उच्च परंपरा और परिपाटी रही है। मेरा सभी लोगों से आग्रह है कि सदन में अपनी बात रखें, चर्चा में भाग लें, लेकिन कोई ऐसी टिप्पणी नहीं करें जो संसद की मर्यादा और संसदीय परंपराओं के अनुकूल नहीं हो।''
हम सबका सौभाग्य है कि 18वीं लोकसभा के लिए जनता ने हम सबको संसद में चुन कर भेजा है : लोकसभा स्पीकर ओम बिरला #ViksitBharatBudget #BudgetSession #Budget2024 @KirenRijiju @ombirlakota @LokSabhaSectt pic.twitter.com/fgQM747Dgr
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उन्होंने कहा, ‘‘कभी आसन से बहस नहीं करें या उसे चुनौती नहीं दें।'' बिरला का इशारा अभिषेक बनर्जी द्वारा बुधवार को सदन में की गई टिप्पणी की ओर था। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्य जितना सदन की गरिमा और प्रतिष्ठा रखेंगे, उतना ही उनके क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
सदन में बुधवार को केंद्रीय बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए गंगोपाध्याय ने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उनके वक्तव्य के दौरान कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने ‘गोडसे' को लेकर कोई टिप्पणी की जिस पर पलटवार करते हुए गंगोपाध्याय ने उनके लिए एक आपत्तिजनक शब्द का इस्तेमाल किया जिसका विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया था और माफी की मांग की।
जिस नोटबंदी ने GDP ग्रोथ को आधा कर दिया, जो अर्थव्यवस्था पर सबसे बड़ा प्रहार है उस पर बोलने से स्पीकर ने मना किया
अभिषेक बनर्जी ने सही जवाब दिया
“उनको आप 100 साल पुरानी बात, नेहरू तक पर बोलने से नहीं रोकते हैं, हमें नोटबंदी पर बोलने से क्यों रोक रहे हैं? यह पक्षपात नहीं चलेगा” pic.twitter.com/eoD4ZodM7j
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दूसरी तरफ, अभिषेक बनर्जी ने बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए जब नोटबंदी और लॉकडाउन का उल्लेख किया था तो लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वर्ष 2016 के बाद दो बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। आप बजट पर बात कीजिए।''
अध्यक्ष का इशारा 2019 और 2024 में हुए आम चुनावों में भी भाजपा नीत राजग के सत्ता में आने की ओर था। एक बार फिर बनर्जी ने किसी का नाम लिया, जिस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा खड़ा कर दिया। इस पर अध्यक्ष ने कहा कि माननीय सदस्य उन लोगों के नाम नहीं लें जो सदन के अब सदस्य नहीं हैं।
इस पर बनर्जी ने अध्यक्ष से कहा कि जब सत्तापक्ष के सदस्य पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लेते हैं या देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का नाम लेते हैं तो आसन उस पर कुछ नहीं बोलता, यदि कोई आपातकाल की बात करे तो अध्यक्ष चुप रहते हैं।