पंजाबी फिल्मों में लोहड़ी का ढोल धमाका
भीम राज गर्ग
टॉकी फिल्मों के आरंभिक दौर में, अधिकतर पंजाबी फिल्में ‘हीर-सयाल’, ‘मिर्ज़ा साहिबां’, ‘सोहणी महिवाल’, ‘सस्सी पुन्नू’ आदि पंजाब की लोक-कथाओं पर आधारित बनाई गई थीं। इसी शृंखला में कमला मूवीटोन, लाहौर ने पंजाबी लोकगाथा ‘दुल्ला-भट्टी’ को फिल्म ‘दुल्ला-भट्टी’ उर्फ़ ‘अन्नी जवानी’ (1940) के रूप में प्रस्तुत किया था। दुल्ला भट्टी की शौर्य-गाथा ने भारतीय फिल्म निर्माताओं को हमेशा से प्रेरित किया है। पाकिस्तानी फिल्म ‘दुल्ला भट्टी’ (1956) ने जुल्म के खिलाफ सच्चाई का आह्वान किया था और इसका गीत ‘वास्ता ए रब दा तूं जाईं वे कबूतरा’ लोकप्रिय हुआ था।
शीर्षकों में दुल्ला-भट्टी
इसी विषयवस्तु को लेकर निर्माता राजकुमार कोहली ने वर्ष 1962 में ‘दुल्ला भट्टी’ फिल्म का निर्माण किया था। वर्ष 1998 में पम्मी वीरेंदर ने लोक किस्से पर बेस्ड फिल्म ‘दुल्ला-भट्टी’ का निर्माण किया। चौथी बार 2016 में भी ‘दुल्ला-भट्टी’ नाम से एक फिल्म बनाई गई।
कथानक में लोहड़ी के दृश्य
पंजाबी फिल्म ‘कोड़े शाह’ (1953) के तीनों मुख्य पात्र सोहना, बिल्लो और सोमा, लोहड़ी की मधुर यादें बांट ‘मेरी पतली पतंग’ गीत गाते हुए पतंगबाज़ी का आनंद उठाते हैं। ‘शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह’ (1974) में गांव के लोग लोहड़ी मना रहे होते हैं तो पुलिस क्रांतिकारियों का पीछा करते हुए वहां आ जाती है।
कहानी को मोड़ देने को प्रसंग
फिल्म ‘चन्न परदेसी’ (1980) में बेटे की प्रथम लोहड़ी-जश्न के दौरान, नेक (कुलभूषण खरबंदा) को जागीरदार (अमरीश पुरी) द्वारा उसकी पत्नी से बलात्कार की त्रासदी का पता चलता है। इसके पश्चात कहानी नाटकीय मोड़ लेती है। ‘सज्जरे फुल्ल’ (1981) में बच्चे ‘सुंदर मुंदरिये हो’ गाते हैं।
उत्सव के गीतों में धूम-धड़ाका
बॉलीवुड विशेषकर पंजाबी फिल्मों में ‘लोहड़ी’ के पारंपरिक गीतों का खूब धूम-धड़ाका देखने को मिलता है। फिल्म ‘सात सालियां’ (1964) का लोहड़ी गीत ‘किन्ना सोहणा लगनां ऐं’ रविंद्र कपूर और इंदिरा बिल्ली पर फिल्माया गया था। फिल्म ‘उच्चा दर बाबे नानक दा’ (1987) में लोहड़ी धूमधाम से मनाया गया। गांववासी लोहड़ी के आसपास डांस करते हैं और मुटियारें ‘वीर घर पुत्त जमिया’ गाकर लोहड़ी के शगुन मनाती हैं।
‘जदों इह आउंदी ऐ लोहड़ी...’
2004 में रिलीज़ पंजाबी फिल्म ‘असां नू मान वतनां दा’ में जसपिंदर नरूला और हरभजन मान द्वारा गाया ‘जदों इह आउंदी ऐ लोहड़ी..’ संगीत प्रेमियों के दिलो-दिमाग पर छा गया था। जिमी शेरगिल और नीरू बाजवा अभिनीत ‘रब्बा मेल करादे’ का लोहड़ी गीत ‘बल्ले बल्ले...ऐ दिन मिलिया दुआवां नाल..’ मजेदार लोहड़ी ट्रैक है।
वीर-जारा में उत्सव
लोहड़ी के त्योहार का धूम-धड़ाका बॉलीवुड की कई फिल्मों में देखा गया। हिंदी फिल्मों का सर्वोपरि लोहड़ी गीत ‘ओये होये ओये तेरे कुर्बान जावां तेरी मरजी जान जांवां... लो आ गयी लोहड़ी ..’ यश चोपड़ा निर्देशित फिल्म वीर-जारा का है।
‘पा दे लोहड़ी नी तेरा लाल...’
गैर फ़िल्मी गीतों में भी लोहड़ी पर्व को संजोया गया जिनमें दलेर मेहंदी का गीत है ‘आजा बह जा मेरे कोल सोहणीये... सुंदर मुंदरिये हो...।’ काका भैणीवाला का गाया गीत ‘पा दे लोहड़ी नी तेरा लाल जीवे...’ बहुत प्रचलित हुआ है। लोहड़ी लोक-गीतों के गायन का खास मौका है। सबसे लोकप्रिय गीत ‘सुंदर-मुंदरिए हो...’ है। अन्य लोकप्रिय गीत ‘साड़े पैरां हेठ रोड़, सानूं छेती-छेती तोर...’ आदि हैं।