हवा रुख नहीं भांप पाये लाेहारू के मतदाता
लोहारू, 12 अक्तूबर (निस)
लोहारू हलके में कांटे की टक्कर में मात्र 792 वोटों से पीछे रहे पूर्व वित्त मंत्री जेपी दलाल की हार से पांच वर्ष बाद ही लोहारू हलका एक बार फिर विपक्ष में बैठ गया है। भाजपा प्रत्याशी जेपी दलाल ने अपने गत कार्यकाल में लोहारू हलका वासियों को नहरी पानी और हर किसान परिवार को ढाई लाख रुपये तक का मुआवजा दिलाकर मालामाल किया था। साथ ही, विकास के मामले में चौ. बंसीलाल के बाद उन्हीं को याद किया जा रहा है। जेपी दलाल की हार के बाद यहां के लोगों का कहना हवा देखते हुए लोगों ने कांग्रेस को वोट किया। लोग यह अंदाजा ही नहीं लगा पाये कि प्रदेश में सरकार भाजपा की बन सकती है। इसके बावजूद जेपी दलाल ने राजबीर फरटिया को कड़ी टक्कर दी।
मतगणना के आंकड़ों से स्पष्ट है कि भाजपा प्रत्याशी जेपी दलाल को ग्रामीण मतदाताओं ने वोट कम दिए। शहरी मतदाताओं ने वोटों से जेपी दलाल की झोली भर दी। गांवों से जब कांग्रेस आगे आ जाती थी तो शहर या कस्बे आते ही न केवल कांग्रेस की बढ़त खत्म हो जाती थी, बल्कि जेपी दलाल कांग्रेस पर बढ़त बना लेते थे। मतगणना में पोस्टल बैलेट के बाद बड़वा तथा सिवानी कस्बों में जेपी दलाल की काफी बढ़त आते देख लोग भाजपा की जीत मानने लगे थे। कई जगह तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने लड्डू भी बांट दिए थे। लेकिन ज्योहि सिवानी, बड़वा के बाद ग्रामीण काउंटिंग हुई तो धीरे-धीरे भाजपा की बढ़त खत्म हो गई और कांग्रेस ने बढ़त बना ली। बहल ब्लॉक के बाद लोहारू ब्लॉक के गांवों में आते-आते काग्रेस ने तीन हजार से ऊपर की बढ़त बना ली थी। भाजपा मतदाताओं के चेहरे इस वक्त लटक गए थे। लेकिन लोहारू शहर की मतगणना आई तो लोहारू शहर की एकतरफा वोटिंग से कांग्रेस चित हो गई और भाजपा के जेपी दलाल ने इस 16वें राउंड में 272 वोटों की बढ़त बना ली। 17वां राउंड जेपी दलाल के लिए भारी रहा। इसमें कांग्रेस प्रत्यासी राजबीर के गांव फरटिया ताल, केहर और भीमा ने उनके पक्ष में एकतरफा वोटिंग की। इससे कांग्रेस प्रत्याशी फिर 1300 वोटों वे आगे हो गए। हालांकि, 18वें राउंड में बड़ा गांव सोहनसरा था, जिसमें भाजपा को एकतरफा वोटिंग की उम्मीद से कांग्रेस की इस 1300 वोटों की बढ़त को काबू करके मामूली 10-20 वोटों से हार जीत की आशा थी, लेकिन यहां भी भाजपा नेताओं ने भितरघात किया। जिससे मात्र 700 वोटों की कम बढ़त मिलने के कारण भाजपा कांग्रेस की 1300 वोटों की बढ़त को कवर नहीं कर सकी और ईवीएम वोटिंग में करीबन 600 वोटों से जेपी हार गए। बैलेट वोटिंग पहले से ही भाजपा के खिलाफ थी। ऐसे में जेपी दलाल 792 वोटों से हार गए। चुनावी रिजल्ट आने बाद से जेपी दलाल न तो लोगों के बीच आए हैं और न ही कोई संदेश दिया है।