कर्ज, न हथियारों की बिक्री
वाशिंगटन, 19 अगस्त (एजेंसी)
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का कहना है कि अफगानिस्तान में नयी तालिबान सरकार को फिलहाल कर्ज या दूसरे संसाधन नहीं दिए जाएंगे। आईएमएफ ने एक बयान में कहा कि अफगानिस्तान के मामले में वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही आगे बढ़ेगा। उसने कहा, ‘अफगानिस्तान में सरकार की मान्यता के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के भीतर स्पष्टता की कमी है, जिसके चलते देश को एसडीआर या अन्य आईएमएफ संसाधनों तक पहुंच उपलब्ध नहीं होगी।’
वहीं, अमेरिका ने अफगानिस्तान सरकार को हथियारों की बिक्री पर रोक लगा दी है। रक्षा ठेकेदारों के लिए बुधवार को जारी किए गये एक नोटिस में अमेरिकी विदेश विभाग के राजनीतिक व सैन्य मामलों के ब्यूरो ने कहा कि रक्षा बिक्री नियंत्रण निदेशालय द्वारा अफगानिस्तान के लिए सभी लंबित और जारी किए गये निर्यात लाइसेंस तथा अन्य मंजूरियों की समीक्षा की जा रही है। इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि वह अफगानिस्तान में तब तक सैनिक रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को सुरक्षित बाहर नहीं निकाल लिया जाता। भले ही इसके लिए 31 अगस्त के बाद भी वहां सेना मौजूद रहे।
इस्लामिक अमीरात के गठन का एेलान
देश की आजादी के 102 साल पूरे होने के मौके पर तालिबान नेतृत्व ने अफगानिस्तान के ‘इस्लामिक अमीरात’ के गठन का एेलान किया। तालिबान के एक वरिष्ठ नेता वहीदुल्लाह हाशिमी ने बताया कि अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के गठन के बाद अब देश में सत्ता चलाने के लिए तालिबान के प्रमुख नेताओं की एक परिषद बनाई जाएगी। इस परिषद का नेतृत्व हैबतुल्लाह अखुंदजादा करेंगे। हाशिमी के मुताबिक, अभी अफगानिस्तान पर शासन के तरीके पर फैसला होना बाकी है, लेकिन लोकतंत्र नहीं होगा।
भारत के साथ व्यापार रुका
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार तालिबान ने पाकिस्तान के रास्ते भारत से आयात-निर्यात रोक दिया है। वहीं, तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि इस्लामिक अमीरात सभी देशों से अच्छे राजनयिक और व्यापारिक रिश्ते चाहता है।
तालिबान के खिलाफ सड़कों पर लोग
अफगानिस्तान में लगातार दूसरे दिन बृहस्पतिवार को छिटपुट स्थानों पर अफगानों ने राष्ट्रध्वज के साथ प्रदर्शन किये। तालिबान ने हिंसा से उनकी आवाज दबाने की कोशिश की। अफगानिस्तान के स्वतंत्रता दिवस पर लोगों ने काबुल हवाई अड्डे के पास पैदल और कारों में मार्च निकाला। उनके हाथों में अफगान ध्वज के सम्मान में लंबे काले, लाल एवं हरे बैनर थे। ये बैनर अवज्ञा का प्रतीक बनते जा रहे हैं। नांगरहार प्रांत में प्रदर्शन को लेकर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें नजर आ रहा है कि एक प्रदर्शनकारी को गोली लगी है, खून बह रहा है और लोग उसे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। खोस्त प्रांत में तालिबान ने प्रदर्शन को दबाने के बाद 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया। कुनार प्रांत में भी लोग सड़कों पर उतरे। एक रिपोर्ट के अनुसार असादाबाद में लड़ाकों ने भीड़ पर गोलीबारी की, इस दौरान कई लोग मारे गये।