लोन लेने वाले चुन सकेंगे फिक्स्ड ब्याज दर का विकल्प
मुंबई, 10 अगस्त (एजेंसी)
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कर्ज लेने वाले लोगों को परिवर्तनशील (फ्लोटिंग) ब्याज दर से निश्चित (फिक्स्ड) ब्याज दर का विकल्प चुनने की अनुमति देने की तैयारी कर रहा है। इस कदम से मकान, वाहन और अन्य कर्ज लेने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि ऐसे ग्राहक ही ऊंची ब्याज दरों से सबसे अधिक प्रभावित हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक के नतीजों की जानकारी दी।
दास ने कहा कि एक नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। इसके तहत ऋणदाताओं को कर्ज लेने वाले ग्राहकों को ऋण की अवधि तथा मासिक किस्त (ईएमआई) के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी। दास ने कहा, ‘रिजर्व बैंक द्वारा की गई पर्यवेक्षी समीक्षा और लोगों से मिली प्रतिक्रिया में कई बार उधार लेने वालों की सहमति तथा उचित संवाद के बिना फ्लोटिंग रेट कर्ज की अवधि को अनुचित रूप से बढ़ाने के कई उदाहरण सामने आए।'
दास ने कहा कि विस्तृत दिशानिर्देश जल्द जारी किए जाएंगे। उधर, रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसका मतलब है कि मकान, वाहन समेत अन्य कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2023-24) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर कायम रखा है। हालांकि, आरबीआई ने अपने मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाकर 5.1 प्रतिशत से 5.4 प्रतिशत कर दिया है। टमाटर और अन्य सब्जियां महंगी होने की वजह से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति के अनुमान में बढ़ोतरी की है। हालांकि उम्मीद जताई गयी है कि नयी फसल के आने से स्थिति सुधरेगी।
महंगाई नियंत्रण के लिए और बड़े कदम उठाएंगे : दास
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए जरूरत होने पर ‘अर्जुन की नजर' से भी आगे के लिए तैयार रहना होगा। टमाटर और अन्य सब्जियों के दामों में उछाल की वजह से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के अनुमान को बढ़ाया गया है।