हरियाणा में हुई शराब महंगी... थोड़ी-थोड़ी...
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 12 जून
हरियाणा में शराब महंगी हो गई है। राज्य सरकार की नयी एक्साइज पॉलिसी बुधवार से लागू हो गई। लोकसभा चुनावों के दौरान ही नायब मंत्रिमंडल ने 2024-25 की आबकारी नीति को मंजूरी दी थी। यह मंजूरी भी चुनाव आयोग की मंजूरी के बाद दी गई थी। नयी नीति लागू होने के साथ ही राज्य में देसी शराब की बोतल पांच रुपये और बीयर 20 रुपये महंगी हो गई है। इतना ही नहीं, अंग्रेजी व विदेशी शराब भी पहले के मुकाबले पांच प्रतिशत अधिक महंगी की गई है।
आयातित शराब को भी नयी नीति के दायरे में लाया गया है। होल सेल से जिस रेट पर ठेकेदार को विदेशी शराब मिलेगी, उस पर 20 प्रतिशत लाभ मानकर उस शराब की बिक्री होगी। पुरानी पॉलिसी में ऐसा प्रावधान नहीं था। इसी तरह से बार व होटल संचालकों को राहत दी है। पहले होटलों में लाइसेंसी बार चलाने वाले संचालकों को अपने आसपास के दो शराब ठेकों से शराब लेने का नियम था। कई बार ठेकेदारों के मनमर्जी के रेट लगाने की शिकायतें आती थीं।
दोनों ठेकेदार अपने रेट तय कर लेते थे और होटल संचालकों की मजबूरी थी कि किसी तीसरे से शराब नहीं खरीद सकते थे। इस बार सरकार ने पालिसी में बदलाव करते हुए होटल संचालकों को एक और विकल्प दिया है। वह अब आसपास के तीन ठेकों में से किसी से भी शराब खरीद सकेंगे। ये भी शर्त रखी है कि तीनों ही शराब ठेके अलग-अलग लाइसेंस धारकों के होने चाहिए।
तीन विकल्प मिलने के बाद तीनों ठेकेदारों में प्रतिस्पर्धा होगी और होटल संचालकों को तय रेट पर शराब मिल सकेगी। इस बार आबकारी नीति में पिछले साल के रिजर्व प्राइस के मुकाबले सात प्रतिशत तक बढ़ोतरी की गई है, जबकि शराब के दाम में कम बढ़ोतरी की गई है। पहले प्रति पेटी 50 से 60 रुपये बढ़ाए जाते थे। नयी नीति में 20 से 25 रुपये प्रति पेटी की बढ़ोतरी की है। एल-1 (अंग्रेजी होल सेल) और एल-13 (देशी शराब होल सेल) लाइसेंस की फीस में कोई बदलाव नहीं किया है।
गांवों के लिए ये नियम
गांवों में शराब के ठेके फिरनी से 50 मीटर दूर खोले जा सकेंगे, 12 बजे के बाद ठेका खोलने के लिए 20 लाख रुपये सालाना फीस देनी होगी।