For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.

बाल कथाओं में जीवन के गुर

07:47 AM Jul 21, 2024 IST
बाल कथाओं में जीवन के गुर
Advertisement

घमंडीलाल अग्रवाल
उपन्यास, कहानी, लघुकथा, नाटक, कविता, व्यंग्य, लोक साहित्य एवं बाल साहित्य की लगभग 40 पुस्तकों के रचयिता महाबीर रवांल्टा की नवीनतम कृति है ‘जुगनू की पढ़ाई’। इसमें रोचक, ज्ञानवर्धक एवं सीख देने वाली 12 बाल कहानियों का समावेश है जो बच्चों का मार्गदर्शन कर सकती हैं। बाल मनोविज्ञान के धरातल पर रची गयीं इन कहानियों में जीवन जीने के गुर मौजूद हैं।
कृति की प्रथम कहानी ‘संकल्प’ में बताया गया है कि संकल्प-शक्ति का किस तरह से सही-सही उपयोग किया जाए। ‘लाली’, ‘अलटी-पलटी’ तथा ‘डुगी की मौत’ नामक कहानियों में जीवों के प्रति दया दिखाने का भाव प्रमुख है। ‘अधूरी पूजा’ दायित्व-बोध की ओर ध्यान आकर्षित करती दिखाई पड़ती है। ‘विश्वासघात’ कहानी में विश्वासघात को विष जैसा बताया गया है। ‘खुशी मिली अपार’ एक ऐसी कहानी है जो समाज में व्याप्त वर्ग-भेद से छुटकारा दिलाने को प्रेरित करती है।
‘पानी तो है!’ नामक कहानी में स्वार्थ के उन्मूलन का भाव उजागर हुआ है। ‘एक हुआ गांव’ में एकता का पाठ मौजूद है। ‘सौरभ बदल गया’ में दिखाया गया है कि किस तरह से मोबाइल पर पुस्तक की विजय संभव हो सकती है। अंतिम कहानी ‘जुगनू की पढ़ाई’ अभावग्रस्त बच्चों की मदद पर आधारित है।
कृति की कहानियों की भाषा सरल, सरस एवं बोधगम्य है। सुंदर आवरण के साथ चित्रांकन भी उत्कृष्ट है।

पुस्तक : जुगनू की पढ़ाई लेखक : महाबीर रवांल्टा प्रकाशक : विभोर प्रकाशन, भोपाल पृष्ठ : 112 मूल्य : रु. 200.

Advertisement

Advertisement
Advertisement
Advertisement
×