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यादों भरी जिंदगी

12:47 PM Aug 30, 2021 IST

‘वक़्त की ख़ासियत ही यही होती है कि वो एक जैसा नहीं रहता, बदलता रहता है’—बचपन से ही ये बात सुनती आ रही हूं, फिर भला ये चीखों से भरा वक़्त क्यों नहीं गुज़र रहा? हर किसी की ज़िंदगी में ‘तुम’ होता है और उस ‘तुम’ के साथ सबके रिश्ते अलग-अलग, रूप अलग-अलग, उससे मिलने वाले अहसास अलग-अलग होते हैं…। कैसे बोलें कि किसका दर्द ज़्यादा है? कई बार ये ‘तुम’ घर का ही कोई अपना होता है तो कई बार करीबी रिश्तेदार। किसी के भी ‘तुम’ का जाना बेचैनी दे सकता है पर वो बेचैनी चार-पांच दिन में थोड़ी-थोड़ी शांत भी हो जाती है। आखिर कोई कब तक उस दुख में बना रहेगा, पर उनका क्या, जिनका ‘तुम’ गया…वो अटक जाते हैं…। बिना शब्द के…। बिना आंसू के। एक सूनेपन में…। कुछ ऐसे रिश्ते भी होंगे, जो पहले हुआ करते थे, अब नहीं हैं और उनके जाने की ख़बर आप तक शायद कभी पहुंचे भी नहीं, पर ख़्याल में वो आ ही जाते हैं। किसके सामने जाकर रोएं और रोने की वजह तो क्या ही बताएं? कभी मां-बाप चले गए, बच्चे रह गए, तो कभी बच्चे रह गए और मां बाप चले गए…जो बिना किसी सहारे कुछ नहीं कर सकते, उनका ‘तुम’ चला जाए, तब?

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लोग जाते हैं और हम दर्द में आते हैं। उसके बाद बस बातें, किस्से और यादें रह जाती हैं। आखिर कोई रोए भी कितना और कब तक? दिल का दर्द हमेशा आंसुओं में नहीं निकल सकता…वो कभी-कभी लबों की मुस्कुराहट में भी रहता है, जिसे देख पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं…। बहुत सारी चीज़ें लिखी और कही गई हैं पॉज़िटिव रहने के लिए, पर इन सबके बाद भी कुछ डर ऐसे होते हैं, जो दिल के एक कोने में जगह बनाकर बैठ जाते हैं। मैं ये जानती हूं कि हम हमेशा जैसे रोते नहीं रह सकते, वैसे ही हमेशा डर में भी नहीं रह सकते। निकलना ही होगा इससे… आगे बढ़ना ही होगा… जो अपने हाथ में ही नहीं, उस पर कैसे काबू पा सकते हैं? तो चलिए, निहारते हैं उस रिश्ते को, जो अभी आपके पास है…। …बरसों से बहुत कुछ जमा करके रखता है मन, उसे खाली करते हैं…। बेचैनी, डर, दर्द, आंसू…मिलते ही रहेंगे ज़िंदगी में…। किसी के जाने के बाद उसकी यादों और बातों का सहारा लेना ही पड़ेगा…। अजीब-सी ही बात है कि ज़िंदगी यादों से भरी रहती है, पर फिर भी खाली होती है। हमें ‘तुम’ को जीवित रखना पड़ता है, हमारे लिए… हमें खुद ही भरने पड़ेंगे हमारे मन के पन्ने, उन शब्दों से, जिन्हें हम हमेशा से लिखना चाहते थे… ‘तुम’ बस ज़िंदा रहना…।

साभार : आई श्वेता डॉट कॉम

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जिंदगीयादों