उपराज्यपाल ही दिल्ली के 'बॉस'
नयी दिल्ली, 12 अगस्त (एजेंसी)
संसद द्वारा इस सप्ताह पारित 7 विधेयकाें को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गयी है। इनमें राष्ट्रीय राजधानी में ग्रुप-ए अधिकारियों की तैनाती एवं तबादले के लिए एक प्राधिकरण के गठन और ऐसी नियुक्तियों पर केंद्र सरकार को प्रधानता देने संबंधी प्रावधानों वाला दिल्ली सेवा विधेयक भी शामिल है। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम 2023 को अपनी स्वीकृति दे दी है। इसके साथ ही यह विधेयक कानून में तब्दील हो गया।
संबंधित विधेयक 3 अगस्त को लोकसभा से और 7 अगस्त को राज्यसभा से पारित हुआ था। यह अधिनियम दिल्ली के उपराज्यपाल को राष्ट्रीय राजधानी के अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती को लेकर अंतिम अधिकार देता है और सेवाओं पर केंद्र सरकार के नियंत्रण को मजबूत करता है।
डिजिटल डेटा दुरुपयोग पर 250 करोड़ तक जुर्माना
‘डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण’ विधेयक (डीपीडीपी) को भी राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को यह जानकारी दी। इस कानून के तहत भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डिजिटल डेटा का दुरुपयोग या उसकी रक्षा नहीं कर पाने पर जिम्मेदार इकाई पर 250 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है। यूजर्स के डेटा का इस्तेमाल कर रही कंपनियों को उसके व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा करनी होगी और व्यक्तिगत डेटा के उल्लंघन के मामले की सूचना डेटा संरक्षण बोर्ड (डीपीबी) और उपयोगकर्ता को देनी होगी।
इन पर भी मुहर जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन); जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन); भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन); राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग और अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2023 को भी राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है।