खुशियों का पाठ
06:38 AM Oct 18, 2024 IST
एक बार अल्बर्ट आइंस्टाइन को किंडरगार्टन में जाने का निमंत्रण मिला। वहां आसपास के प्रबुद्ध जन भी पधारे हुए थे। किंडरगार्टन में अल्बर्ट आइंस्टाइन के सान्निध्य में दिन भर का एक शानदार कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। आइंस्टाइन जब वक्तव्य देने लगे तो वह इन बच्चों से मिलकर गद्गद थे। उनकी बातों में धन्यवाद भरा था। वह बार-बार यही कह रहे थे कि आज इन बच्चों से कितनी अनमोल बातें सीखकर जा रहे हैं। आनंदित रहना, खुश होकर काम करना, बुरा अहसास चट से भूल जाना, हंसते रहना वगैरह, वगैरह। अल्बर्ट आइंस्टाइन ने एक बार फिर अपने श्रोताओं को अपनी सरलता और भावुकता से भाव विभोर कर दिया था।
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प्रस्तुति : पूनम पांडे
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