For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

पंजाब में कम जली पराली, फिर भी दिल्ली की हवा में सुधार नहीं

07:18 AM Oct 29, 2024 IST
पंजाब में कम जली पराली  फिर भी दिल्ली की हवा में सुधार नहीं
Advertisement

चंडीगढ़, 28 अक्तूबर (एजेंसी)
पंजाब में फसल कटाई के बाद की अवधि में इस साल पराली जलाने की घटनाओं में 50 फीसदी की कमी आई है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता पर इसका कोई सकारात्मक असर नहीं दिखा है।
‘पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर’ के आंकड़ों के अनुसार, 15 सितंबर से 27 अक्तूबर तक पंजाब में पराली जाने की 1,995 घटनाएं सामने आईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 4,059 था। अगर वर्ष 2022 के आंकड़ों से तुलना करें तो इस साल 75 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राज्य में इस अवधि में वर्ष 2022 में पराली जलाने की 8,147 घटनाएं दर्ज की गई थीं।
अक्तूबर और नवंबर में धान की कटाई के बाद, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली से सटे राज्यों में पराली जलाने से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ जाता है। आंकड़ों के अनुसार, रविवार को पंजाब में पराली जलाने की 138 घटनाएं सामने आईं, जिनमें सबसे ज्यादा फिरोजपुर, उसके बाद संगरूर और फतेहगढ़ से थीं। राज्य में 2022 और 2023 में इसी दिन पराली जलाने की क्रमशः 1,111 और 766 घटनाएं दर्ज की गई थीं। हालांकि, पराली जलाने की घटनाओं में कमी के बावजूद दिल्ली में वायु प्रदूषण पर कोई खास असर नहीं पड़ा है। दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 रहा जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। आप विधायक दिलीप पांडे ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पंजाब में भगवंत मान सरकार के सार्थक प्रयासों के कारण पराली जलाने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आयी है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश सिर्फ दोषारोपण में लगे रहे हैं और समाधान में उनका योगदान शून्य है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement