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बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में ‘वर्तमान समय में संस्कृत की प्रासंगिकता’ पर व्याख्यान

07:18 AM Aug 27, 2023 IST
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में ‘वर्तमान समय में संस्कृत की प्रासंगिकता’ पर व्याख्यान
रोहतक के बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय में संस्कृत महोत्सव सप्ताह में गणमान्यों के साथ संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता। -हप्र
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रोहतक, 26 अगस्त (हप्र)
बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में संस्कृत महोत्सव सप्ताह के अंतर्गत ‘वर्तमान समय में संस्कृत की प्रासंगिकता’ विषय पर प्रसार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता प्रोफेसर ललित कुमार गौड़ ने शिरकत की। डॉ. गौड़ ने अपने संबोधन में कहा कि संस्कृत भारतीय संस्कृति की पोषक है। अगर हम अपनी भारतीय संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों को विरासत के रूप में देना चाहते हैं तो निश्चित रूप से हमें उन्हें संस्कृत को अनिवार्य विषय के रूप में पढ़ाना ही होगा। वेद वेदांग, रामायण, महाभारत, उपनिषद, आरण्यक, ब्राह्मण ग्रंथ सभी ग्रंथ संस्कृत भाषा में ही रचे गए हैं। इस भाषा का अध्ययन करके हम केवल धर्म-कर्म के विषय में ही नहीं बल्कि हर प्रकार की तकनीकी के विषय में भी ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कर रहे मानविकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ. बीएम यादव ने की। उन्होंने कहा कि केवल भारत में ही नहीं अपितु जर्मनी के 14 विश्वविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाई जाती है। इस समय दुनिया के 17 से भी ज्यादा देशों में संस्कृत पढ़ाई जाती है। इस मौके पर संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र गुप्ता, हिंदी विभाग अध्यक्ष डॉ.बाबूराम, डॉ. जगदीश आचार्य, डॉ पटेल सिंह, डॉ. तरुण, डॉ. हरिओम, डॉ. सुमन राठी, डॉ. रेखा, डॉ. बबिता, डॉ. सोनिक, डॉ. अतुल कुमार, डॉ.सत्येंद्र कुमार आदि उपस्थित रहे।

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