सार्वभौमिक मानव मूल्यों पर नेतृत्व विकास कार्यक्रम
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (ट्रिन्यू)
पंजाब विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. रेनू विग ने भावी शिक्षा नेतृत्व के बीच अखंडता और सामाजिक जिम्मेदारी के माहौल को बढ़ावा देने के लिए नेतृत्व प्रथाओं में सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों को एकीकृत करने के महत्व पर जोर दिया। प्रो. विग ने गुरु नानक देव जी के ‘कीरत करो, वंड छको और जप करो’ के नियम की पालना पर बल देते हुए कीरत (काम) करने को प्रेरित किया और शिक्षक समुदाय का आह्वान किया कि वे गुरुओं के दिये इस मंत्र को अपने जीवन में उतार लें तो सार्वभौमिक मूल्यों के साथ पूरे जगत का कल्याण संभव है।
प्रो. रेनू विग आज पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा एफिलिएटिड कॉलेजों के लिए सार्वभौमिक मानव मूल्यों पर आयोजित एक दिवसीय नेतृत्व विकास कार्यक्रम में बोल रही थीं। नैतिक सिद्धांतों पर आधारित लीडरशिप कौशल को बढ़ाने की एक इस महत्वपूर्ण पहल का आयोजन पीयू के डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल (डीसीडीसी), यूनिवर्सल ह्यूमन वैल्यूज़ सेल और पीएल टंडन चेयर के सहयोग से किया गया था। नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी फॉर इंफ्रास्ट्रक्चर (एनसीसीआईपी) के अध्यक्ष प्रो. रजनीश अरोड़ा ने अपने मुख्य भाषण में प्रभावी लीडरशिप में मानवीय मूल्यों की भूमिका पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। एक अन्य वक्ता कुमार संभव ने समग्र विकास और शिक्षा की भूमिका पर अपने विचार साझा किये। जितेंद्र नरूला ने प्रस्तुतियों के माध्यम से सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों पर अपनी अंतर्दृष्टि भी साझा की। पीयू डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल प्रो. संजय कौशिक ने कार्यक्रम के बारे में एक आकर्षक परिचय प्रदान किया। डीन रिसर्च प्रो. योजना रावत ने सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
डीयूआई प्रो. रुमिना सेठी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में अपने विचारों से प्रतिभागियों को जागरूक किया।