Lauren Powell Jobs: महाकुंभ में पहुंचीं लॉरेन पॉवेल जॉब्स, नहीं छू पाई शिवलिंग, जानें वजह
प्रयागराज, 13 जनवरी (एजेंसी)
Lauren Powell Jobs: दिवंगत एप्पल सह-संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स, जो दुनिया की सबसे धनी महिलाओं में से एक हैं, इन दिनों प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ और वाराणसी के धार्मिक दौरे को लेकर चर्चा में हैं। वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के दौरान उन्हें शिवलिंग छूने की अनुमति नहीं दी गई। आइए जानते हैं ऐसा क्यों हुआ।
प्रयागराज के स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज के आश्रम में रविवार को अमेरिका की मशहूर हस्ती लॉरेन पॉवेल जॉब्स पहुंचीं। उन्होंने भारतीय आध्यात्मिकता और परंपराओं के प्रति अपने गहरे सम्मान को प्रदर्शित किया।
#WATCH | Prayagraj, UP | Laurene Powell Jobs, wife of the late Apple co-founder Steve Jobs reached Spiritual leader Swami Kailashanand Giri Ji Maharaj's Ashram pic.twitter.com/y20yu7bDSU
— ANI (@ANI) January 12, 2025
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने काशी विश्वनाथ मंदिर में लॉरेन पॉवेल जॉब्स के दर्शन और पूजा को लेकर उठ रहे सवालों पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "वह बहुत धार्मिक और आध्यात्मिक हैं। वह हमारी परंपराओं को समझना चाहती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरी आस्था और सम्मान दिखाया। दुनिया भारतीय परंपराओं को अपना रही है, और वह भी इसका हिस्सा बनकर सीख रही हैं।"
मंदिर परंपराओं के पालन की बात
काशी विश्वनाथ मंदिर की कड़ी परंपराओं का उल्लेख करते हुए स्वामी कैलाशानंद ने कहा, "कोई विवाद नहीं है। हमारे मंदिर की परंपराओं के अनुसार, जो व्यक्ति हिंदू नहीं है, वह शिवलिंग को नहीं छू सकता। यह नियम भारतीय संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है। लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने मंदिर के नियमों का पूरी तरह पालन किया और उन्हें प्रसाद और माला भेंट की गई। उन्होंने बाहर से ही शिवलिंग के दर्शन किए।"
कुंभ स्नान की योजना
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने आगे बताया कि लॉरेन पॉवेल जॉब्स कुंभ मेले में भाग लेने और पवित्र गंगा में डुबकी लगाने की योजना बना रही हैं। "उन्होंने भारतीय संस्कृति और अध्यात्म को आत्मसात करने की इच्छा जाहिर की है।"
महाकुंभ और पाट्टाभिषेक समारोह
महाकुंभ के दौरान स्वामी कैलाशानंद गिरि ने काशी में भगवान महादेव से प्रार्थना की कि यह आयोजन बिना किसी बाधा के पूरा हो। इसी बीच निरंजनी अखाड़े में स्वामी व्यासानंद गिरि महाराज का पाट्टाभिषेक भी संपन्न हुआ, जिसमें लॉरेन पॉवेल जॉब्स ने भी भाग लिया और पूजा-अर्चना की।
महाकुंभ का महत्व
महाकुंभ मेला हर 12 वर्षों में आयोजित किया जाता है और इस बार यह प्रयागराज के संगम पर मनाया जा रहा है। इसमें गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में पवित्र स्नान करने के लिए 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। मुख्य शाही स्नान मकर संक्रांति (14 जनवरी), मौनी अमावस्या (29 जनवरी), और वसंत पंचमी (3 फरवरी) को आयोजित होंगे।