For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Lateral entry: विपक्ष के विरोध बीच लेटरल एंट्री का विज्ञापन रद्द, कांग्रेस ने कहा- संविधान की जीत हुई

02:52 PM Aug 20, 2024 IST
lateral entry  विपक्ष के विरोध बीच लेटरल एंट्री का विज्ञापन रद्द  कांग्रेस ने कहा  संविधान की जीत हुई

नयी दिल्ली, 20 अगस्त (एजेंसी/ट्रिन्यू)

Advertisement

Lateral entry: केंद्र सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध के कारण मंगलवार को यूपीएससी को नौकरशाही में ‘लेटरल एंट्री' से संबंधित नवीनतम विज्ञापन वापस लेने का निर्देश दे दिया है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की अध्यक्ष प्रीति सूदन को पत्र लिखकर विज्ञापन रद्द करने को कहा “ताकि कमजोर वर्गों को सरकारी सेवाओं में उनका उचित प्रतिनिधित्व मिल सके।”

यूपीएससी ने 17 अगस्त को ‘लेटरल एंट्री' के माध्यम से 45 संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी की थी। लेटरल एंट्री को सरकारी विभागों में (निजी क्षेत्रों के विशेषज्ञों सहित) विभिन्न विशेषज्ञों की नियुक्ति कहा जाता है। इस निर्णय की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी।

Advertisement

उनका दावा है कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण अधिकारों का हनन हुआ है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री सिंह ने अपने पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए सार्वजनिक रोजगार में आरक्षण 'हमारे सामाजिक न्याय ढांचे की आधारशिला है जिसका उद्देश्य ऐतिहासिक अन्याय को दूर करना और समावेशिता को बढ़ावा देना है।'

सिंह ने कहा, 'चूंकि इन पदों को विशिष्ट मानते हुए एकल-कैडर पद के रूप में नामित किया गया है, इसलिए इन नियुक्तियों में आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। माननीय प्रधानमंत्री के सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, इस कदम की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता है।'

उन्होंने कहा, 'मैं यूपीएससी से 17 अगस्त 2024 को जारी लेटरल एंट्री भर्ती विज्ञापन को रद्द करने का आग्रह करता हूं।' सिंह ने कहा कि यह कदम सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति होगा।

खड़गे, राहुल और अन्य विपक्षी नेताओं के विरोध के कारण ‘लेटरल एंट्री' का विज्ञापन निरस्त हुआ: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं के विरोध के कारण केंद्र सरकार को ‘लेटरल एंट्री' से संबंधित विज्ञापन को निरस्त करने का निर्णय लेना पड़ा। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा किया कि कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह द्वारा इस संदर्भ में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रमुख प्रीति सूदन को जो पत्र लिखा गया है उस पर तिथि का उल्लेख नहीं है जो इस ‘दयनीय शासन' का प्रमाण है।

सिंह ने यूपीएससी प्रमुख को पत्र लिखकर ‘लेटरल एंट्री' के जरिये भर्ती से जुड़े विज्ञापन को निरस्त करने के लिए कहा है। रमेश ने जितेंद्र सिंह द्वारा यूपीएससी प्रमुख को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘एक नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के अधीन काम करने वाले एक केंद्रीय मंत्री का एक संवैधानिक प्राधिकारी को लिखा गया बिना तारीख का एक पत्र। यह कैसा दयनीय शासन है।'

उन्होंने कहा, ‘फिर भी, यह (लेटरल एंट्री की वापसी) स्पष्ट रूप से लोकसभा और राज्यसभा दोनों में विपक्ष के नेताओं और अन्य लोगों की आलोचना का प्रभाव है।'

कांग्रेस ने ‘एक्स' पर अपने आधिकारिक हैंडल से पोस्ट किया, ‘संविधान की जीत हुई। मोदी सरकार लेटरल एंट्री में बिना आरक्षण के भर्ती की साजिश कर रही थी, लेकिन अब इस फैसले को वापस लेना पड़ा है। एक बार फिर मोदी सरकार को संविधान के आगे झुकना पड़ा है।'

उसने कहा, ‘आरक्षण विरोधी इस फैसले का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और ‘इंडिया' गठबंधन ने खुलकर विरोध किया। इसकी वजह से मोदी सरकार को यह फैसला वापस लेना पड़ा है। यह बाबासाहेब के संविधान की जीत है। यह दलित, शोषित, पिछड़ों की जीत है। जय संविधान।'

Advertisement
Tags :
Advertisement
×