लार्ज स्केल मैपिंग एवं स्वामित्व की हर शुक्रवार को होगी समीक्षा
चंडीगढ़, 22 सितंबर (ट्रिन्यू)
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि लार्ज स्केल मैपिंग प्रोजेक्ट के तहत ड्रोन आधारित कार्य 40372 स्कवेयर किलोमीटर क्षेत्र में पूरा कर लिया गया है। लगभग 4 हजार स्कवेयर किलोमीटर का शेष कार्य दिसंबर तक पूरा होगा। उन्होंने कहा कि लार्ज स्केल मैपिंग एवं स्वामित्व बारे अब हर शुक्रवार को बैठक आयोजित कर विस्तार से समीक्षा की जाएगी। वे शुक्रवार को यहां लार्ज स्केल मैपिंग एवं स्वामित्व की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी़ उमाशंकर, निदेशक भूमि चकबंदी आमना तस्मीन, निदेशक ग्रामीण विकास डॉ़ जेके आभीर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक से सभी जिलों के उपायुक्त ऑनलाइन जुड़े। मुख्य सचिव ने कहा कि करनाल, सोनीपत, कैथल, जींद, पानीपत तथा पंचकूला में ड्रोन मैपिंग का कार्य पूरा किया जा चुका है। मुरब्बा स्टोन का कार्य हिसार, भिवानी, रोहतक, कुरुक्षेत्र में जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि मुरब्बा स्टोन के लिए रोवर चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि आसानी से निशानदेही का कार्य भी कर लिया जाए। 300 रोवर उपलब्ध करवा लिए गए हैं और जिलों को दे दिए गए हैं। उन्होंने मुरब्बा स्टोन को नक्शे में दर्शाने के निर्देश दिए ताकि कई क्षेत्रों में मुरब्बा स्टोन डैमेज होने पर दोबारा से लगाए जा सकें। मुख्य सचिव ने कहा कि हर जिले में डिजिटल मसावी का नक्शा उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके लिए वर्तमान जमाबंदी का डाटा उपलब्ध होना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि करनाल व सोनीपत जिले के 10 कर्मचारियों को मास्टर ट्रेनर का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। शेष जिलों में भी जल्द ही प्रशिक्षण देने का शेड्यूल बनाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कर्मचारियों की कार्य क्षमता में व्यापक स्तर पर सुधार किया जाए। इसलिए प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम बनाया जा रहा है।
मसावी नक्शे में दर्ज होना है डाटा
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि डिजिटल मसावी नक्शे में कई वर्षों का डाटा रिकॉर्ड किया जाना है। इसे सभी उपायुक्त आगामी तीन माह में पूरा करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि तातीमा अपडेट करने के लिए प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है, तो इसके लिए सभी उपायुक्त अपने सुझाव भेजें। उन्होंने सोनीपत व करनाल के उपायुक्त से दोनों योजनाओं बारे आवश्यक जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी उपायुक्त हर जिले में 5-5 गांवों का चयन कर लार्ज स्केल मैपिंग का कार्य पायलट के तौर पर शुरू करवाएं और उनके समक्ष आने वाली चुनौतियों बारे सरकार को अवगत करवाएं।