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लखविंदर औलख बोले-रास्ते हरियाणा की सरकार ने बंद किए हैं, किसानों ने नहीं

06:39 AM Jul 05, 2024 IST

संगरुर, 4 जुलाई (निस)
भारतीय किसान एकता बीकेई के प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने खनौरी बार्डर पर कहा कि हरियाणा सरकार के परविहन मंत्री असीम गोयल द्वारा बीते दिवस केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान से मुलाकात के बाद जारी बयान में कहा गया कि उन्होंने कृषि मंत्री से शंभू बॉर्डर का रास्ता खुलवाने के लिए बात की है। औलख ने कहा कि परिवहन मंत्री असीम गोयल जनता को बताएं कि हरियाणा में रास्ते उनकी सरकार ने बंद किए हैं, न कि किसानों ने। किसान अपनी मांगों को मनवाने के लिए राजधानी दिल्ली जा रहे थे। 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया हुआ था, आपने 6 फरवरी से ही पूरे हरियाणा के रास्ते सील कर दिए, कीलें लगा दी। रास्तों पर दीवारें करवा दी, नहरों के पुल बंद करवा दिए। किसानों को रोकने के लिए जहरीली आंसू गैस, इंजेक्टर मोर्टार व सीधी गोलियां चलाई गई। युवा किसान शुभकरण शहीद हो गया। 5 किसानों की आंखें चली गई, 433 किसान गंभीर जख्मी हो गए। एक युवा किसान नवदीप को बिना कसूर के आपकी सरकार ने अंबाला जेल में बंद कर रखा है। औलख ने कहा कि आज असीम गोयल को व्यापारियों की चिंता हो रही है, आपकी भाजपा सरकार ने व्यापारियों को नोटबंदी करके व जीएसटी लगाकर बर्बाद कर दिया है। कोरोना काल में भाजपा ने किसी भी व्यापारी की सुध नहीं ली। सरकार से किसान, मजदूर, व्यापारी, कर्मचारी, युवा सभी परेशान हैं। मंत्री पद पर होते हुए परिवहन मंत्री एक गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। हरियाणा सरकार के मंत्री होने के नाते आपको जन-जन का ध्यान रखना चाहिए। आप एक विशेष वर्ग की बात करके किसानों व मजदूरों को अनदेखा नहीं कर सकते। औलख ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा गैर-राजनीतिक व किसान मजदूर मोर्चा 142 दिन से आंदोलन कर रहा है। मांगें मानने तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इस मौके पर प्रधान प्रकाश सिंह साहुवाला, पूर्व सरपंच नछत्तर सिंह झोरड़ रोही, राजेंद्र सिंह, राज सिंह, लखविंदर सिंह साहुवाला, खुशदीप सिंह, गुरप्रीत सिंह खालसा, लीला साहुवाला मौजूद रहे।

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लोकसभा में गूंजा किसान आंदोलन : डल्लेवाल

गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता एवं भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के प्रदेश अध्यक्ष जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आज संगरुर में कहा कि किसान आंदोलन-दो 13 फरवरी को शुरू हुआ था और कुछ दिन बाद चुनाव हुए तो कुछ लोगों ने कहा कि बॉर्डर पर बैठकर कुछ हासिल नहीं होगा। उस समय आंदोलन लड़ रहे दोनों मंचों ने कहा कि घर बैठकर ही जायज मांगें पूरी हो सकती हैं। यह किसान आंदोलन का ही असर है कि सभी राजनीतिक दलों को किसानों की मांगों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करना पड़ा। आज बॉर्डर पर आपके आंदोलन का ही नतीजा है कि विपक्ष लोकसभा में एमएसपी गारंटी कानून की मांग कर रहा है। विपक्षी दलों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक और किसान मजदूर मोर्चा ने विपक्ष के उन सभी नेताओं को धन्यवाद दिया जिन्होंने किसानों की मांगों को संसद में उठाया है।

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