स्वास्थ्य सेवाओं का टोटा.. अस्पताल तो है, पर डाॅक्टर नहीं
बोर्ड पर अंग्रेजी में लिखा सब-डिवीजन अस्पताल, नीचे हिंदी में लिखा- खंड स्तरीय अस्पताल
पिहोवा, 9 मई
पिहोवा के लोग इन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तरस रहे हैं। जहां सरकारी अस्पताल खुद बीमार पड़ा है तो वहीं निजी अस्पतालों में इलाज करना लोगों के बस की बात नहीं। कहने को तो पिहोवा में नया सरकारी अस्पताल बनाया गया है, परंतु यह सरकारी अस्पताल दिखावे का भवन बना हुआ है। अस्पताल के बाहर अंग्रेजी में लगे बोर्ड में इसे सब-डिवीजन हॉस्पिटल बताया गया है तो वहीं हिंदी में इसे खंड स्तरीय अस्पताल लिखा गया है। खंड स्तरीय व सब डिवीजन अस्पतालों में भारी अंतर होता है। परंतु अभी तक यह निर्णय ही नहीं हुआ कि यह अस्पताल उपमंडल स्तरीय है या खंड स्तरीय। अस्पताल के अंद हवा, पानी व बैठने की सुविधाएं तो हैं, लेकिन डॉक्टर नहीं हैं। कहने के लिए अस्पताल में 2-2 एसएमओ हैं परंतु दोनों किस जगह बैठते हैं। इस बारे अस्पताल के कर्मचारियों को भी पता नहीं।
अस्पताल में डॉक्टर के कुल 11 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से मात्र 3 डॉक्टर ही काम कर रहे हैं। शेष पद रिक्त पड़े हैं। अस्पताल के अंदर गंदगी के ढेर लगे पड़े हैं। उड़ती दुर्गंध व मरे पड़े परिंदे अस्पताल की सफाई की गाथा सुना रहे हैं। अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट भी बंद पड़ा है। कोई अल्ट्रासाउंड मशीन नहीं है। यहां तक कि एक्स-रे मशीन भी नहीं है। एक्सरे के लिए पुराने अस्पताल में जाना पड़ता है, जो लगभग 3 किमी दूर है और यहां पर भी एक ही एक्स-रे मशीन है, लेकिन रेडियोलॉजिस्ट नहीं है, क्योंकि उसका तबादला हो चुका है। अस्पताल में न तो डॉक्टर है और न ही अल्ट्रासाउंड व एक्स-रे मशीन की सुविधा। मुख्यमंत्री समेत अधिकारियों ने घोषणा की थी कि पुराने अस्पताल को पीएचसी बना दिया है, परंतु इस पुराने अस्पताल में एक नर्स ही कार्यरत है। कोई डॉक्टर नहीं है, जिस डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी, वह भी जा चुका है। इस पुराने अस्पताल में एंबुलेंस की भी कोई सुविधा नहीं है, जबकि नए अस्पताल में जाने के लिए वाहनों की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
लोगों ने की डॉक्टरों के पद भरने की मांग, जल्द मुख्यमंत्री से मिलेंगे
स्थानीय निवासी योगेश दत्त, रोशन लाल, सुनहरा राम, हरिचंद, बलविंदर सिंह व विनोद का कहना है कि पिहोवा में स्वास्थ्य सुविधाओं का भारी टोटा है। लोगों ने मांग की है कि सरकारी अस्पताल में डॉक्टर के पद भरे जाएं व जरूरी सुविधायें व मशीनों का प्रबंध किया जाए। शिवसेना हिंदुस्तान के प्रदेश अध्यक्ष जागीर मोर ने कहा कि पिहोवा इन दिनों स्वास्थ्य के नाम पर लूटपाट का केंद्र बना हुआ है। उन्होंने कहा कि शीघ्र इस बारे मुख्यमंत्री से मिलकर उन्हें पिहोवा के स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में अवगत कराया जाएग।