मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Kurukshetra News : 34 वर्षों की सर्विस, HC के आदेश... फिर भी नहीं दिखाई ‘दया’, पेंशन व वित्तीय लाभों के लिए चक्कर काट रही शिक्षिका

07:51 PM Jun 30, 2025 IST
नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़, 30 जून।

Advertisement

Kurukshetra News : कुरुक्षेत्र की रहने वाली दया रानी पर हरियाणा सरकार की ‘दया’ नहीं हो रही है। लगभग 34 वर्षों तक बतौर शिक्षिका रहीं दया रानी को पेंशन व दूसरे वित्तीय लाभ अभी तक नहीं मिले हैं। उन्हें रिटायर हुए भी करीब 11 साल हो चुके हैं।

वित्तीय लाभों व पेंशन के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो वहां से राहत भी मिल गई। विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारियों ने अभी तक फाइल को लटकाया हुआ है। अपने अधिकारों के लिए लड़ रही दया रानी ने अब राष्ट्रपति द्रौपर्दी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का दरवाजा खटखटाया है।

Advertisement

अहम बात यह है कि दया रानी की शिकायत पर राष्ट्रपति भवन से जवाब भी तलब किया गया, लेकिन अधिकारियों ने आधी-अधूरी सूचना देकर मामले को रफा-दफा कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट की अवमानना का केस भी हो चुका है लेकिन अधिकारियों द्वारा फिर भी दया रानी को उसके बनते अधिकार नहीं दिए जा रहे। दरअसल, पूर्व में पंचायत समितियों में आर्ट एंड क्रॉफ्ट शिक्षकों की भर्ती हुआ करती थी। ये भर्तियां पंचायत विभाग के निदेशक के अलावा जिला उपायुक्तों के स्तर पर भी हुई।

दया रानी की नियुक्ति निदेशक ने की थी। 1979 में वे थानेसर पंचायत समिति में बतौर क्रॉफ्ट टीचर नियुक्त हुईं। 2014 में 34 वर्षों की सर्विस के बाद वे रिटायर हो गईं। इस दौरान उनके तबादले भी होते रहे। रिटायरमेंट के बाद जब ग्रेच्युटी, लीव इन-कैशमेंट व पेंशन की बात आई तो यह कहकर उसे कोई लाभ नहीं दिया गया कि वे नियमित कर्मचारी नहीं थीं। उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

हाईकोर्ट ने 2024 में दया रानी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सरकार को सभी लाभ देने के आदेश दिए। तय समय अवधि में भी जब लाभ नहीं मिले तो दया रानी फिर से कोर्ट की अवमानना के मामले में हाईकोर्ट पहुंची। हाईकोर्ट से अधिकारियों को लताड़ भी पड़ी। इसके बाद विभाग ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ एलपीए दाखिल कर दी। हालांकि अभी तक भी हाईकोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगी है लेकिन फिर भी दया रानी को पेंशन लाभ नहीं मिल रहे हैं।

पंचायत समिति कर चुकी स्वीकार
इतना ही नहीं, थानेसर पंचायत समिति की ओर से विभाग के निदेशक को 6 सितंबर, 2024 को लिखे गए पत्र में दया रानी को कर्मचारी स्वीकार करते हुए आग्रह किया है कि उनके वित्तीय लाभ व पेंशन आदि का भुगतान करने के लिए पंचायत समिति को फंड दिया जाए। थानेसर के विकास एवं पंचायत अधिकारी ने इस पत्र में विभाग निदेशक से 40 लाख 46 हजार 698 रुपये का फंड जारी करने का आग्रह किया है। इसमें हाईकोर्ट के फैसले का भी उल्लेख किया गया है।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune Latest NewsDainik Tribune newsDaya RaniHaryana Governmentkurukshetra newslatest newsNayab Singh SainiPM Narendra ModiPunjab and Haryana High Courtदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी न्यूजहिंदी समाचार