Kurukshetra प्राकृतिक खेती के लिए गोबर-गोमूत्र उपलब्ध कराएंगी गौशालाएं
कुरुक्षेत्र, 5 जनवरी (हप्र)
हरियाणा गो सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग दोनों साथ मिलकर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के प्राकृतिक कृषि मिशन को नई गति प्रदान करने के लिए किसानों को देशी गाय का गोबर, गोमूत्र उपलब्ध कराएंगे। इतना ही नहीं गौशालाओं में जीवामृत और घनजीवामृत का निर्माण भी किया जाएगा ताकि जो किसान प्राकृतिक खेती करना चाहता है मगर जीवामृत या अन्य घटक बनाने में असमर्थ है, वह भी आसानी से प्राकृतिक खेती से जुड़ सकें। ये फैसला गुरुकुल कुरुक्षेत्र में हुई हरियाणा व उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्षों ने एक साझा बैठक में लिया।
बैठक में हरियाणा गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण कुमार गर्ग, उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त, गुरुकुल के व्यस्थापक रामनिवास आर्य सहित दोनों प्रदेशों के गो सेवा आयोग के अन्य अधिकारी और सदस्य मौजूद रहे। बैठक में दोनों राज्यों में सड़कों पर बेसहारा घूम रहे गोवंश हेतु गौशालाओं में उचित रख-रखाव के साथ, गौशालाओं में पहले से मौजूद गोवंश के गोबर-गोमूत्र का उपयोग प्राकृतिक खेती हेतु जीवामृत और घनजीवामृत बनाने पर बल दिया गया ताकि हरियाणा व उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक कृषि मिशन को मजबूती से आगे बढ़ाया जा सके।
हरियाणा गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्रवण गर्ग ने कहा कि भावी पीढ़ी को यदि साफ-स्वच्छ वातावरण और रोगमुक्त जीवन देना है तो सभी को देशी गाय पर आधारित प्राकृतिक खेती की ओर लौटना होगा, इसमें गौशालाओं की भूमिका अहम हो सकती है क्योंकि गौशालाओं से किसान देशी गाय तो ले ही सकता है इसके अलावा जो किसान गाय नहीं रख सकता उसे गोबर-गोमूत्र उपलब्ध होगा।
उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्याम बिहारी गुप्त ने कहा कि देश में गोवंश की स्थिति में सुधार लाना है तो गोवंश के दूध, घी, गोबर और गोमूत्र की उपयोगिता को बढ़ाना होगा, साथ ही महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को गो सेवा आयोग से जोड़कर भी इस दिशा में महत्त्वपूर्ण कार्य किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं पशुपालन के साथ-साथ खेती का कार्य भी करती है, ऐसे में उनके माध्यम से गोवंश को पुनः लोगांे के खूंटों से बांधा जा सकता है।