मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Kumbhalgarh Fort History : संत के बलिदान से बना है ये ऐतिहासिक किला, यहीं है 'ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया'

06:52 PM Dec 14, 2024 IST

चंडीगढ़, 14 दिसंबर (ट्रिन्यू)

Advertisement

Kumbhalgarh Fort History : भारत में ऐसे कई रहस्मयी किले, महल, मंदिर और अन्य जगहें हैं जो अपने अंदर ढेरों राज दफन किए हुए हैं। वहीं, इन ऐतिहासिकों जगहों से जुड़ी कहानियां भी काफी दिलचस्प होती है, जिसे जानने के बाद लोग वहां जाने से खुद को रोक नहीं पाते। आज हम आपको राजस्थान में मौजूद एक ऐसे ही किले के बारे में बताने जा रहे हैं...

'ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' कहे जाने वाले कुंभलगढ़ किले को देखने के लिए लोग सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी आते हैं। 15वीं शताब्दी में बने इस किले को अकबर भी नष्ट करने में असफल रहा था। टूरिस्ट को अट्रैक्ट करने के लिए किले के अंदर लाइट एंड साउंड शो भी आयोजित किया जाता है। किले का निर्माण 15वीं शताब्दी में मेवाड़ क्षेत्र के शासक राणा कुंभा ने प्रसिद्ध वास्तुकार मंडाना की मदद से करवाया था।

Advertisement

कहा जाता है कि जब महाराणा कुंभा ने इस किले को फैसला किया था तो उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा था। काफी दिक्कतों के बाद भी निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा था तो उन्होंने एक संत को बुलाकर सलाह ली। तब संत ने कहा कि इसके लिए एक संत को ही स्वेच्छा से अपना बलिदान देना होगा। इसे सुनकर महाराज की चिंता ओर भी बढ़ गई।

एक अन्य संत इस कार्य के लिए बलिदान देने को तैयार हो गया। उससे कहा गया कि वह पहाड़ी पर चलता जाए और जहां वह रुकेगा वहां उसकी बलि दे दी जाएगी। संत ने वैसा ही किया। आगे चलकर एक जगह पर रूक गया और उसे वहीं मार दिया गया। फिर इस दीवार का निर्माण कार्य पूरा हुआ। बता दें कि यह किला मेवाड़ के सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक महाराणा प्रताप का जन्मस्थान है। इस किले में सात द्वार हैं जबकि इसके परिसर में कई हिंदू और जैन मंदिर बनाए गए हैं।

किले की विशाल दीवार 36 किलोमीटर से अधिक फैली हुई है, जो इसे चीन की महान दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी निरंतर दीवार बनाती है। इस दीवार की मोटाई इतनी है कि यहां एक साथ 10 घोड़े आराम से दौड़ सकते हैं। किले को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। Dainiktribune.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।

Advertisement
Tags :
Dainik Tribune newsGreat Wall of IndiaKumbhalgarh FortRajasthanRajasthan FortTravellingTravelling Historyग्रेट वॉल ऑफ इंडियाराणा कुंभा