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कोलकाता की घटना निर्भया कांड से भी ज्यादा बर्बर : जगदीप धनखड़

06:47 AM Sep 02, 2024 IST
कोलकाता की घटना निर्भया कांड से भी ज्यादा बर्बर   जगदीप धनखड़
देहरादून स्थित राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उनकी पत्नी सुदेश धनखड़, उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और आरआईएमसी के कमांडेंट कर्नल राहुल अग्रवाल। -प्रेट्र

देहरादून, 1 सितंबर (एजेंसी)
कोलकाता के अस्पताल में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या को 2012 में हुए निर्भया कांड से भी ज्यादा बर्बर बताते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि देश को एक क्रांतिकारी, सुरक्षित और प्रणालीगत प्रक्रिया अपनानी होगी, जिससे भविष्य में मानवता की सेवा में लगे किसी क्षेत्र को कभी कोई खतरा न हो।
ऋषिकेश स्थित एम्स में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा कि 2012 में दर्दनाक निर्भया कांड हुआ जिसने देश को हिलाकर रख दिया और कानून में बदलाव हुआ। उन्होंने कहा, ‘यह उससे भी अधिक (बर्बर) है। यह ऐसा वक्त है जब पूरी दुनिया हमें देख रही है। हम ऐसा देश हैं जो दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। हमने गर्व से दुनिया के सामने वसुधैव कुटुंबकम पेश किया है। हमारे कुटुंब की बेटी ने जनता की सेवा करने में न दिन देखा, न रात और उसके साथ निर्ममता की अकल्पनीय हद तक (रेप)... और कत्ल हुआ।’ उन्होंने कहा कि इससे पूरी डॉक्टर बिरादरी, नर्सिंग स्टॉफ, हेल्थ वारियर्स चिंता में हैं, परेशानी में हैं और दुखी हैं।

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‘जख्मों पर नमक छिड़क रहे कुछ लोग’

उपराष्ट्रपति ने कहा कि बर्बर घटनाएं पूरी सभ्यता को शर्मसार कर देती हैं और उस आदर्श को खंडित कर देती हैं, जिसके लिए भारत जाना जाता है। धनखड़ ने कहा कि जिसने भी यह किया है, उसे जवाबदेह ठहराया जाएगा, लेकिन समाज को भी इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा। उपराष्ट्रपति ने कहा, छोटी-छोटी घटनाओं पर शोर मचाने वाले गैर सरकारी संगठन आज शांत अवस्था में हैं। उनकी चुप्पी इस जघन्य अपराध के अपराधियों के कृत्य से भी बदतर है। उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ लोग इस घटना पर अपने बयानों से जख्मों पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। एक सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता के बयान का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं ऐसी गुमराह आत्माओं से अपने विचारों पर दोबारा विचार करने और सार्वजनिक रूप से माफी मांगने का आह्वान करता हूं।’ उन्होंने कहा कि यह समय राजनीतिक चश्मे से देखने का नहीं है। रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन की चिंताओं का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि चीजें आकार लेंगी। उन्होंने कहा, ‘चिंता दूर होनी चाहिए और मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि ऐसा होगा।’

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