Kolkata Doctor Rape Murder Case: पीड़िता की फोटो साझा करने वाला गिरफ्तार, देशभर में प्रदर्शन जारी
कोलकाता/नयी दिल्ली, 19 अगस्त (एजेंसी)
Kolkata Doctor Rape Murder Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जिस प्रशिक्षु डॉक्टर की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई, उसकी पहचान सोशल मीडिया पर उजागर करने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को धमकी देने के आरोप में कोलकाता में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, घटना के विरोध में देशभर में डाक्टरों व लोगों का प्रदर्शन जारी है।सीबीआई आज भी पूछताछ में जुटी है।
पुलिस ने बताया कि तलताला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की गई। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘शिकायत मिली है कि सोशल मीडिया मंच इंस्टाग्राम पर ‘‘कीर्तिसोशल'' यूजरनेम से एक व्यक्ति ने हाल ही में आरजी कर एमसीएच में हुई घटना से संबंधित तीन खबरें अपलोड की हैं, जिनमें पीड़िता की तस्वीर और पहचान का खुलासा किया गया है।''
अधिकारी के अनुसार, ‘‘उसी समय, आरोपी व्यक्ति ने मुख्यमंत्री के खिलाफ दो खबरें भी साझा कीं, जिनमें आपत्तिजनक टिप्पणियां थीं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। टिप्पणियां बहुत ही भड़काऊ प्रकृति की थीं, सामाजिक अशांति पैदा कर सकती थीं और समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दे सकती थीं।'' पुलिस ने बताया कि आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा।
आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य से सीबीआई की लगातार चौथे दिन पूछताछ
सीबीआई के अधिकारियों ने सोमवार को लगातार चौथे दिन आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना की जांच के सिलसिले में पूछताछ की। एक अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि घोष सोमवार को सुबह सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित सीबीआई कार्यालय पहुंचे।
अधिकारी के मुताबिक, घोष से पूछा गया कि डॉक्टर की मौत की खबर मिलने के बाद उनकी भूमिका क्या थी, उन्होंने किससे संपर्क किया और पीड़िता के माता-पिता को करीब तीन घंटे तक इंतजार क्यों कराया गया। पूर्व प्राचार्य से यह भी पूछा गया कि घटना के बाद अस्पताल की आपातकालीन इमारत (इमरजेंसी बिल्डिंग) में संगोष्ठी कक्ष के पास के कमरों की मरम्मत का आदेश किसने दिया था। सीबीआई अधिकारियों ने शुक्रवार से पिछले तीन दिनों में घोष से कई घंटों तक पूछताछ की है।
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारी घोष के मोबाइल फोन की ‘कॉल लिस्ट' के विवरण के साथ-साथ उनकी व्हाट्सएप ‘चैट लिस्ट' की भी जांच कर रहे हैं। हड्डी रोग विशेषज्ञ घोष ने नौ अगस्त को महिला चिकित्सक का शव मिलने के दो दिन बाद आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने अपने ऊपर हमला होने की आशंका जताई थी, जिसके बाद उनके वकील ने कलकत्ता उच्च न्यायालय से सुरक्षा की गुहार लगाई थी। अदालत ने उन्हें एकल पीठ के समक्ष जाने का निर्देश दिया था। परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक का शव नौ अगस्त को आरजी कर अस्पताल के संगोष्ठी कक्ष में मिला था। पुलिस ने इस घटना की जांच के सिलसिले में अगले दिन एक नागरिक स्वयंसेवक को गिरफ्तार किया था।
हिमाचल में चिकित्सकों की हड़ताल, सेवाएं प्रभावित
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से अपने घुटने के इलाज के लिए बदर सिंह यहां स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसीएच) पहुंचे, लेकिन उन्हें यह पता चलने पर वापस लौटना पड़ा कि अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर हैं। रात बिताने के लिए एक किफायती जगह की तलाश कर रहे बदर सिंह ने कहा ‘‘मेरे घुटने के जोड़ों में बहुत दर्द है और मैं मुश्किल से चल पाता हूं। मैं इलाज के लिए सिरमौर में स्थित रेणुका से आया था, लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया। मुझे शिमला पहुंचने के लिए 1,000 रुपये खर्च करने पड़े और यह मेरे लिए बहुत महंगा है क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।''
सिंह उन सैकड़ों रोगियों में से एक थे जो विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की जारी हड़ताल के कारण वैकल्पिक चिकित्सा सेवाओं से वंचित रहे। कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या की घटना और उसके बाद हुई तोड़फोड़ की पृष्ठभूमि में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने हड़ताल का आह्वान किया जिसके चलते विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सक हड़ताल पर हैं।
राज्य में ‘जूनियर डॉक्टर' भी मंगलवार से हड़ताल पर हैं। इससे राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसीएच की सेवाएं सर्वाधिक प्रभावित हुईं और दूर-दराज के इलाकों से आए सैकड़ों मरीजों को वापस लौटना पड़ा। बुजुर्गों और गरीब पृष्ठभूमि वाले मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए यात्रा का खर्च उठाना पड़ा और उन्हें राज्य की राजधानी में रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी।
बिलासपुर की मूल निवासी शम्मी शर्मा अपनी बुजुर्ग मां के साथ ‘इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल' पहुंचीं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा। उन्होंने कहा कि वे पिछले तीन दिनों से शिमला में रिपोर्ट का इंतजार कर रही थीं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल पाई।
हड़ताल कर रहे चिकित्सकों ने कोलकाता के अस्पताल की इस घटना और 2012 के निर्भया कांड के बीच समानताएं बताईं। आईजीएमसीएच की ‘जूनियर रेजिडेंट' सुजाता ने कहा कि 2012 के निर्भया कांड के बाद बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं लेकिन सच यही है कि स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा एक बुनियादी अधिकार होने के बावजूद, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चिकित्सकों को न्याय पाने के लिए विरोध करना पड़ रहा है।'' आईजीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव ने कहा कि केवल बाह्य रोगी विभाग और वैकल्पिक सर्जरी बंद हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि मरीजों को ज्यादा असुविधा का सामना ना करना पड़े।
दिल्ली में निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक ओपीडी सेवाएं प्रदान करेंगे प्रदर्शनकारी चिकित्सक
कोलकाता में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में आठ दिन से हड़ताल कर रहे चिकित्सकों ने सोमवार को निर्माण भवन के बाहर वैकल्पिक बाह्य रोगी सेवाएं (ओपीडी) प्रदान करने का फैसला किया है। एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के एक बयान के मुताबिक, रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को निर्माण भवन के बाहर मरीजों को मेडिसिन, सर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री रोग, बाल रोग, नेत्र रोग और हड्डी रोग समेत लगभग 36 ओपीडी सेवाएं प्रदान करने के लिए उपलब्ध रहेंगे।
हालांकि, अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। प्रदर्शनकारी रेजिडेंट डॉक्टर ने रविवार देर रात घोषणा की कि उनकी हड़ताल जारी रहेगी। आरडीए के बयान के अनुसार, चिकित्सक सुबह 11 बजे निर्माण भवन के लिए रवाना होंगे।
सफदरजंग अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि चिकित्सकों के लिए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम लाने के बारे में सरकार की ओर से ठोस प्रतिक्रिया आने पर कुछ राहत मिल सकती थी।
चिकित्सक ने कहा, “हालांकि, सात दिन बीत जाने के बाद भी हम इंतजार कर रहे हैं। जैसा कि पहले कहा गया है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हड़ताल अनिश्चित काल तक जारी रहेगी।” यहां 12 अगस्त की शाम को विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। शुरुआत में मेडिकल कॉलेज परिसरों तक सीमित रहने वाले चिकित्सकों ने शुक्रवार से सड़कों पर उतरना शुरू कर दिया था।
केंद्रीय कानून के लिए 15 अगस्त को गठित कार्रवाई समिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सदस्य शामिल हैं।