सहजता से आकाश का ज्ञान
सरोज गुप्ता
पुस्तक : दादा जी की अंतरिक्ष यात्रा लेखक : गोविंद शर्मा प्रकाशक : साहित्यागार, जयपुर पृष्ठ : 56 मूल्य : रु. 150.
गोविंद शर्मा बाल-साहित्य के वरिष्ठतम हस्ताक्षर हैं। जहां तक उनके लेखन का सवाल है वह बच्चों को समर्पित लेखक हैं। उनकी ढेरों पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। ‘दादाजी की अंतरिक्ष यात्रा’ उनकी अनूठी पुस्तक है, जिसमें उन्होंने दादाजी व बच्चों के वार्तालाप द्वारा बहुत ही रोचक शैली में हमारे सौरमंडल के सारे ग्रहों का विस्तृत ज्ञान कराया है। यह पुस्तक न केवल बच्चों के लिए अपितु बड़ों के लिए भी बहुत उपयोगी है क्योंकि इतनी जानकारी बड़े पाठकों को भी शायद नहीं होगी।
दादा जी ने हर ग्रह के विषय में बताया है कि वह पृथ्वी से कितनी दूरी पर हैं, उसका कितना व्यास है, कितना वजन है और उस पर क्या-क्या होता है। इसका विस्तृत वर्णन उन्होंने बड़े रोचक ढंग से किया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने सूर्य की महत्ता, धरती के स्वरूप तथा वैज्ञानिक वेधशाला के बारे में भी बताया है जिनसे बच्चों को बहुत अच्छी जानकारी मिल सकती है ।
समग्रत: इस पुस्तक को हम ज्ञान का भंडार कह सकते हैं। बच्चों तथा बड़ों दोनों के लिए ही यह उपयोगी पुस्तक है। दादाजी एवं बच्चों के वार्तालाप ने विषय को बहुत रोचक बना दिया है गोविंद जी ने इसमें प्रश्न और उत्तर शैली को भी अपनाया है। जगह-जगह बच्चे अपनी जिज्ञासा शांत करने के लिए दादा जी से प्रश्न पूछते हैं और दादाजी उनका समाधान करते हैं। पुस्तक की भाषा-शैली अत्यंत सरल एवं बोधगम्य है। निश्चित रूप से यह पुस्तक बच्चों के हृदय में अपना अलग स्थान बनाएगी। गोविंद शर्मा की यह कृति बाल-साहित्य में अपना विशिष्ट महत्व रखेगी।