Kiran Chaudhary: किरण चौधरी ने विधानसभा से दिया इस्तीफा, अब राज्यसभा जाएंगी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 20 अगस्त
Kiran Chaudhary: हरियाणा की पूर्व मंत्री किरण चौधरी का राज्यसभा जाना तय हो गया है। मंगलवार को उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने हाथोंहाथ उनके इस्तीफे को मंजूर कर लिया है। वे राज्यसभा में भाजपा की उम्मीदवार होंगी और बुधवार को अपना नामांकन-पत्र दाखिल करेंगी। बुधवार को राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन जमा करवाने की आखिरी तारीख है।
किरण के मुकाबले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से किसी उम्मीदवार के आने की संभावना नहीं है। ऐसे में किरण का निर्विरोध राज्यसभा जाना तय माना जा रहा है। किरण चौधरी हरियाणा के तोशाम हलके से पहली बार 2005 में हुए उपचुनाव के जरिये विधानसभा पहुंची थीं। उनके पिता व पूर्व कृषि मंत्री सुरेंद्र सिंह के निधन के बाद तोशाम में उपचुनाव हुआ था। इससे पहले किरण चौधरी दिल्ली की राजनीति में सक्रिय थीं। वे दिल्ली विधानसभा में डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं।
किरण चौधरी की बेटी और पूर्व सीएम चौ. बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद रही हैं। वे कांग्रेस की कार्यकारी प्रदेश अध्यक्षा भी थीं। इस बार लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने श्रुति को टिकट नहीं दिया। ऐसे में मां-बेटी कांग्रेस से नाराज चल रही थीं। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद 18 जून को किरण व श्रुति ने कांग्रेस छोड़ दी थी। इसके बाद 19 जून को दोनों ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
भाजपा में शामिल होने के बाद भी किरण ने तोशाम विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था। कांग्रेस विधायक दल के उपनेता आफताब अहमद और चीफ व्हिप भारत भूषण बतरा की ओर से दल-बदल कानून के उल्लंघन के मामले में किरण के खिलाफ स्पीकर को शिकायत भी दी गई, लेकिन स्पीकर ने कांग्रेस के इन दोनों विधायकों के दो नोटिस और फिर याचिका को रद्द कर दिया। बाद में कांग्रेस के दो अन्य विधायकों ने किरण के खिलाफ याचिका दायर की।
किरण के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दल-बदल कानून के तहत दायर की गई याचिका अभी स्पीकर के पास पेंडिंग है, लेकिन इससे पहले ही किरण ने मंगलवार को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। नब्बे सदस्यों वाली विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से किरण का राज्यसभा जाना तय है। वर्तमान में चार सीटें खाली हैं। ऐसे में 86 सदस्यों के संख्याबल के हिसाब से भाजपा को 44 विधायकों की जरूरत है। भाजपा के पास खुद के 41 विधायक हैं।
सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा के अलावा पृथला से निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत का सरकार को समर्थन है। जजपा के दो विधायक – नरवाना से रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगीराम सिहाग भी खुलकर सरकार के साथ हैं। वहीं कांग्रेस के पास वर्तमान में 28 विधायक हैं। संख्याबल नहीं होने की वजह से ही कांग्रेस पहले ही राज्यसभा उपचुनाव से खुद को दूर कर चुकी है। बहरहाल, किरण बुधवार को राज्यसभा के लिए पर्चा दाखिल करेंगी। उनके सामने कोई प्रत्याशी नहीं होने पर उन्हें निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया जाएगा।