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किरण चौधरी का राज्यसभा जाना तय

08:46 AM Aug 22, 2024 IST
किरण चौधरी का राज्यसभा जाना तय
चंडीगढ़ में बुधवार को राज्यसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल करते समय विजय चिन्ह बनाती किरण चौधरी। साथ हैं सीएम नायब सैनी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली व त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देब।

चंडीगढ़, 21 अगस्त (ट्रिन्यू)
पूर्व मंत्री किरण चौधरी का निर्विरोध राज्यसभा में जाना तय हो गया है। उन्होंने बुधवार को विधानसभा में राज्यसभा की एक सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए नामांकन-पत्र दाखिल किया। सीएम नायब सिंह सैनी, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली तथा त्रिपुरा के पूर्व सीएम व प्रदेश के सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने किरण चौधरी का नामांकन दाखिल करवाया। किरण चौधरी को भाजपा के अलावा जजपा, हलोपा व निर्दलीय विधायकों ने भी समर्थन दिया है। इसके साथ ही किरण चौधरी का राज्यसभा जाने का सपना बीस साल बाद पूरा हो जाएगा। जून-2004 में चौटाला सरकार के दौरान राज्यसभा चुनाव लड़ने वाली किरण चौधरी उस समय राज्यसभा जाने से चूक गई थीं। अब भाजपा ने उनके इस ख्वाब को पूरा कर दिया है। अब किरण के मुकाबले प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस या अन्य किसी भी पार्टी की ओर से उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है। ऐसे में किरण चौधरी का राज्यसभा जाना तय हो गया है।
ज्ञातव्य है कि किरण चौधरी व उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने 18 जून को कांग्रेस छोड़ी थी और अगले दिन नयी दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। दो दिन पहले ही किरण चौधरी ने तोशाम हलके से विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। नामांकन वापसी का बुधवार को आखिरी दिन था। किरण चौधरी का कार्यकाल 9 अप्रैल, 2026 यानी लगभग डेढ़ वर्ष का रहेगा। राज्यसभा की सीट के लिए तय प्रक्रिया के अनुसार, बृहस्पतिवार को नामांकन-पत्रों की छंटनी होगी और 27 अगस्त नामांकन-पत्र वापसी का आखिरी दिन है। नियमों के हिसाब से 27 अगस्त को ही किरण चौधरी को राज्यसभा के लिए निर्विरोध विजयी घोषित कर दिया जाएगा। किरण चौधरी ने पहली बार वर्ष-2005 में तोशाम हलके में उपचुनाव के जरिये प्रदेश की राजनीति में एंट्री की थी। उनके पति सुरेंद्र सिंह हुड्डा सरकार में कृषि मंत्री थे और उनके निधन की वजह से तोशाम में उपचुनाव हुआ था। किरण पूर्व सीएम स्व. चौधरी बंसीलाल की पुत्रवधू हैं।

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पांचों राज्यसभा सांसद भाजपा के

हरियाणा में राज्यसभा की पांच सीट हैं। कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा के इस्तीफे के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट पर किरण चौधरी के निर्विरोध चुने जाने के बाद पांचों सीटें भाजपा के खाते में आ गईं हैं। भाजपा कोटे से रामचंद्र जांगड़ा, सुभाष बराला व कृष्णलाल पंवार पहले से राज्यसभा में हैं। भाजपा के ही समर्थन से पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय शर्मा भी राज्यसभा में हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

भाजपा के साथ हमारा पुराना रिश्ता : किरण

नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से रूबरू किरण चौधरी कहा कि भाजपा के साथ हमारे परिवार का बहुत पुराना रिश्ता रहा है। चौ़ बंसीलाल ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाई थी और तब पूरा हरियाणा समृद्ध हुआ था। पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल की नीतियों से प्रभावित होकर मैं भाजपा में शामिल हुईं। मैंने यह देखते हुए भाजपा ज्वाइन की थी कि आने वाला समय भाजपा का है और भाजपा ही देश व प्रदेश के हित में बेहतर से बेहतर सोच सकती है। जो पार्टी देश और प्रदेश के हित के लिए काम करती है, उससे जुड़ना मेरा सौभाग्य रहा है। मैंने हमेशा बहुत ईमानदारी और नियम से काम किया है। आने वाले समय में सीएम नायब सैनी समेत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की अपेक्षा के अनुरूप मैं राज्यसभा के अंदर हरियाणा के मुद्दे उठाऊंगी।

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जरूरत से अधिक विधायकों ने दिया समर्थन : सीएम

किरण चौधरी का नामांकन दाखिल करवाने साथ आये सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा कि जरूरत से अधिक विधायकों ने किरण चौधरी को समर्थन दिया है। जजपा के जोगीराम सिहाग, अनूप धानक, रामनिवास सुरजाखेड़ा व रामकुमार गौतम के अलावा सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा व पृथला के निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत ने भी उनका समर्थन किया है।

जाटों को साधने की कोशिश

माना जा रहा है कि बंसीलाल की बहू को राज्यसभा भेजकर भाजपा ने जाटों को साधने की कोशिश की है। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जरिये ही किरण चौधरी ने भाजपा ज्वाइन की थी और उन्हें राज्यसभा भेजने में भी मनोहर लाल की अहम भूमिका माना जाती है। मनोहर लाल हरियाणा के तीनों लाल परिवारों के नेताओं को भाजपा के बैनर तले लाने में कामयाब रहे।

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