मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

क्रिकेट में बादशाहत

07:58 AM Jul 01, 2024 IST

भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिये शनिवार ‘जीत के जश्न’ का वार बन गया। सत्रह साल बाद टी-20 विश्वकप भारत ने अपनी झोली में डाला। एक समय लगा कि पूरे टूर्नामेंट में लगातार मैच जीतने वाली टीम इंडिया के हाथ से जीत फिसलने वाली है। भारतीय क्रिकेट प्रेमी दिल थामकर जीत की दुआ कर रहे थे। लेकिन पंद्रह ओवर के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने जिस तरह फिसलते मैच पर अपनी पकड़ बनाकर शानदार जीत हासिल की, उसने बताया कि सही मायनों में यह एक विश्व विजेता टीम है। बहरहाल, हकीकत यह है कि भारत दक्षिण अफ्रीका को सात रन से हराकर विश्व विजेता बन चुका है। भारत ने टॉस जीतकर बीस ओवर में सात विकेट के नुकसान पर 176 रन बनाये थे। यह एक अच्छा स्कोर था, लेकिन क्रिकेट तमाम अनिश्चितताओं का खेल है। एक समय जब दक्षिण अफ्रीका के खिलाड़ी बेहद आक्रामक अंदाज में खेल रहे थे, उन्हें तीस गेंद में तीस रन बनाने थे। उसके छह खिलाड़ी मौजूद थे। हेनरिक क्लासेन व डेविड मिलर की शानदार बल्लेबाजी से लगा था कि मैच भारत के हाथों से फिसल रहा है। लेकिन अंतिम पांच ओवर में कप्तान रोहित शर्मा की रणनीति के साथ भारतीय गेंदबाजों और फिल्डरों ने जैसा खेल दिखाया, वह इतिहास में दर्ज रहेगा। सोलहवें ओवर में बुमराह की सधी गेंदबाजी ने दक्षिणी अफ्रीकी खिलाड़ियों पर दबाव बनाया। फिर 17वें ओवर में हार्दिक पांड्या ने क्लारेस को आउट करके मैच की दिशा बदली। 18वें ओवर में बुमराह ने यानसन को चलता किया।
दरअसल, भारतीय गेंदबाजों की शानदार गेंदबाजी व चुस्त फिल्डिंग ने मैच का पासा भारत के पक्ष में पलट दिया। 19वें ओवर में अर्शदीप की सधी गेंदबाजी के बाद आखिरी ओवर में दक्षिण अफ्रीका को 16 रन बनाने थे। हार्दिक की गेंद पर छक्का मारने की कोशिश के बीच सूर्य कुमार यादव ने जो अद्भुत कैच पकड़ा, उसने भारत का विश्व विजयी होना तय कर दिया। हार्दिक की अन्य गेंद पर सूर्य कुमार के कैच ने आखिरकार मोहर लगा दी कि भारत टी-20 क्रिकेट का बादशाह बन चुका है। इस तरह भारत के जुझारू खिलाड़ियों ने हार की तरफ जाती बाजी को दमदार खेल से जीत में बदल दिया। पूरे टूर्नामेंट में रोहित शर्मा की टीम अजेय टीम की तरह खेली। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में एक भी मैच हारे बिना ट्रॉफी अपने नाम कर दी। इस मैच में विराट कोहली के शानदार 76 रन जीत की आधारशिला बने, जबकि पहले पांच ओवर में ही भारत अपने तीन बड़े विकेट गवां चुका था। हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह की शानदार गेंदबाजी याद रहेगी। जिनके प्रयासों से मैच का पलड़ा भारत के पक्ष में झुका। लेकिन इस शानदार उपलब्धि का एक असहज करने वाला परिणाम यह भी है कि अब टी-20 के अंतर्राष्ट्रीय मैचों में रोहित शर्मा, विराट कोहली तथा रवींद्र जडेजा खेलते नजर नहीं आएंगे। शायद वे इस बड़ी कामयाबी का इंतजार टी-20 क्रिकेट से संन्यास लेने के लिये कर रहे थे। कोच के रूप में राहुल द्रविड़ के योगदान को भी हमेशा याद रखा जाएगा। जिन्होंने टीम को विश्व विजेता बनाने का मनोबल दिया।

Advertisement

Advertisement