तालीम का चिराग़ रोशन करने वाले खुर्शीद अहमद
हरियाणा के कद्दावर नेता रहे चौधरी खुर्शीद अहमद काे इलाके के विकास के लिए याद किया जाता रहेगा। कुछ दिन बीमार रहने के बाद 17 फरवरी, 2020 के दिन उनका निधन हो गया था। नूंह से विधायक, प्रदेश में कैबिनेट मंत्री व देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा में फरीदाबाद का प्रतिनिधित्व करने वाले मरहूम खुर्शीद अहमद की कुशलता, बुद्धिमत्ता, नेक नियत व ईमानदारी पहचान थी। वे एक काबिल, स्वावलंबी, इलाके के लिए दर्द रखने वाले नेता थे। उनके लिए कहा जा सकता है कि ‘हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है, बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा।’
उनका जीवन पूरी तरह बेदाग रहा। कठोर मेहनत उनकी फितरत रही, अपने छात्र जीवन में दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रधान चुने जाने से लेकर लोकसभा में चुने जाना इसका सबूत था। वे हरियाणा की राजनीति में एक स्तंभ की तरह रहे। एक बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने का ऑफर भी मिला, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया। महज 28 साल की उम्र में संयुक्त पंजाब असेंबली के लिए चुने जाने पर उन्होंने अपनी वाक्पटुता और सौम्य वक्तव्य शैली से तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों पर गहरा प्रभाव छोड़ा था। विधायक व मंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास के लिए उल्लेखनीय कार्य किए।
लोगों के स्वास्थ्य के प्रति वो बेहद गंभीर थे, अपने मंत्रित्व काल में नूंह, सोहना, तावडू, फिरोजपुर झिरका, नगीना, पुनहाना, हथीन, पलवल में पीएचसी, सीएचसी केंद्र बनवाए। प्रदेश भर में पीएचसी, सीएचसी बनवाए। फिरोजपुर झिरका के माण्डी खेड़ा में अल आफिया अस्पताल बनवाने में बड़ी भूमिका रही। किसानों के लिए वो हमेशा तत्पर रहे।
ईमानदारी से कार्य करने के उनके सिद्धांतों का अनुसरण करते हुए हमने पूर्व की कांग्रेस की हुड्डा सरकार में शिक्षा, सेहत, परिवहन, रोजगार व आधारभूत ढांचों पर उल्लेखनीय कार्य किए। मेवात के लिए अलग शिक्षा कैडर, शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज, कई बहुतकनीकी संस्थान, कई आरोही माॅडल स्कूल, आईटीआई, सालाहेडी सहित कई महिला कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, कोटला झील, कई बस अड्डे, लघु सचिवालय, जिला बनाने आदि काम हुए। जिस तरह उन्होंने मेवात सहित हरियाणा के हितों को कभी पीछे नहीं रखा, उसी तरह हम भी प्रदेश की आवाम के हकों को प्राथमिकता पर रखेंगे, इसी प्रण के साथ उन्हें खिराज ए अकीदत।
- चौधरी आफताब अहमद (लेखक हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के उप नेता, नूंह के विधायक हैं)
शिक्षा के लिए किए बड़े कार्य
फिरोजपुर नमक में उनके द्वारा स्थापित जेबीटी संस्थान प्रदेश का पहला जेबीटी संस्थान था। स्थानीय लोगों के साथ-साथ, लड़कियों व उर्दू भाषा के लिए सीटें निर्धारित की गईं। परियोजना मेवात की तालीम में एक मील का पत्थर साबित हुई है। मेवात में शिक्षा को लेकर ये उनकी फ़िक्र ही थी कि उन्होंने नगीना के बडकली चौक पर अपना निजी कॉलेज खोला, जिसे बाद में सरकार को सौंप दिया था। आज भी फिरोजपुर झिरका, नगीना, बडकली, पिनगवा, पुनहाना के लोगों के लिए ये तालीम का एकमात्र कॉलेज है। तावडू में सरकारी कॉलेज बनाकर उन्होंने वहां के लोगों के लिए तालीम की व्यवस्था करने का काम किया। वहीं हथीन के उटावड गांव में बहु तकनीकी संस्थान बनवाकर तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने का बड़ा काम हुआ था। कई आईटीआई उन्होंने मेवात को दी, स्कूल स्थापित कराए, मेवात के विकास के लिए उन्होंने एमडीए का गठन कराया। फरीदाबाद के गांव धौज में स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय की शुरुआत में स्थापना में उनका बहुत सहयोग रहा।