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रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर खुल्लर की सीएमओ में एंट्री, सीएम के सीपीएस बने

03:55 PM Sep 01, 2023 IST
रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर खुल्लर की सीएमओ में एंट्री  सीएम के सीपीएस बने
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  • सेवानिवृत्त आईएएस डीएस ढेसी को सरकार ने मुख्य प्रधान सचिव से किया रिलीव
  • एक दिन पहले ही एफसीआर पद से रिटायर हुए थे खुल्लर, आज जारी हुए आदेश
  • सीएमओ में भी हो सकता बदलाव, अब खुल्लर अपने हिसाब से करेंगे बदलियां
    दिनेश भारद्वाज
    चंडीगढ़, 1 सितंबर
    हरियाणा में 1988 बैच के वरिष्ठ आईएएस रहे राजेश खुल्लर की एक बार फिर सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में एंट्री हो गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर का नया मुख्य प्रधान सचिव (चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी) लगाया है। वे 1982 बैच के वरिष्ठ सेवानिवृत्त आईएएस डीएस ढेसी की जगह लेंगे। ढेसी को सरकार ने मुख्य प्रधान सचिव के पद से रिलीव कर दिया है। खुल्लर बृहस्पतिवार को ही आईएएस सेवाओं से रिटायर हुए हैं।
    वे पहले भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव रह चुके हैं। खुल्लर की मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर के साथ काफी नजदीकियां हैं। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर ही केंद्र ने खुल्लर को वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक पद से समय पहले ही हरियाणा बुलाने की मंजूरी दी थी। खुल्लर वाशिंगटन डीसी में वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक अक्तूबर-2020 में बने थे। वे वर्ल्ड बैंक में भारत, बांग्लादेश, भूटान और श्रीलंका का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। अब सीएमओ में खुल्लर की एंट्री के साथ ही प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव का आधार बन गया है।
    वर्ल्ड बैंक से लौटने के बाद सरकार ने खुल्लर को एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव नियुक्त किया था। स्कूल शिक्षा विभाग तथा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की जिम्मेदारी भी खुल्लर के पास रही। 1982 बैच के आईएएस रहे डीएस ढेसी 30 जून, 2020 को हरियाणा के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। सरकार ने 16 अगस्त, 2020 को उन्हें हरियाणा राज्य बिजली विनियामक आयोग (एचईआरसी) का चेयरमैन नियुक्त किया था।
    भाजपा सरकार में खुल्लर की पहली बार सीएमओ में एंट्री नवंबर-2015 में हुई थी। खट्टर पार्ट-। की शुरूआत में संजीव कौशल मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव थे। नवंबर-2015 में कौशल की जगह ही राजेश खुल्लर को सीएम का प्रधान सचिव लगाया गया था। वे लगभग पांच वर्षों तक इस पद पर रहे। सितंबर-2020 में खुल्लर का वर्ल्ड बैंक में चयन होने के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव को छोड़ दिया था। ऐसे में उनकी जगह सरकार ने सीएमओ में नया पद क्रिएट किया।
    डीएस ढेसी से एचईआरसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दिलवाया गया और उन्हें नये पद पर मुख्यमंत्री का मुख्य प्रधान सचिव लगाया गया। ढेसी लगभग तीन वर्षों तक इस पद पर रहे। अब उन्हें सरकार ने रिलीव करके उनकी जगह खुल्लर को नया मुख्य प्रधान सचिव नियुक्त किया है। रिटायरमेंट के बाद सीएमओ में इतने बड़े ओहदे पर नियुक्ति पाने वाले खुल्लर दूसरे आईएएस अधिकारी हैं। हरियाणा ने 2020 में उस समय पंजाब की कैप्टन अमरेंद्र की सरकार की तर्ज पर सीएमओ में सेवानिवृत्त अधिकारी को मुख्य भूमिका का पद देने की शुरुआत की थी।
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    सीएम के पसंदीदा अफसर

    राजेश खुल्लर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के पसंदीदा अधिकारियों में गिने जाते हैं। मूल रूप से चंडीगढ़ के निवासी खुल्लर ने पंजाब यूनिवर्सिटी से भौतिकी शास्त्र में एमएससी की हुई है। वे टोक्यो के ग्रिप्स से लोक प्रशासन में मास्टर्स डिग्रीधारी भी हैं। हिंदी, अंग्रेजी व पंजाबी के साथ संस्कृत का अच्छा ज्ञान रखने वाले खुल्लर की सीएमओ में एंट्री के साथ ही तय हो गया है कि अब वे अपनी टीम खड़ी करेंगे।

    ब्यूरोक्रेसी में बड़े बदलाव तय

    खुल्लर की एक बार फिर सीएमओ में पावरफुल तरीके से एंट्री के साथ ही यह तय हो गया है कि राज्य की ब्यूरोक्रेसी में अब बड़े बदलाव होंगे। खुल्लर चूंकि ब्यूरोक्रेसी की दूसरी सबसे बड़ी पोस्ट – एफसीआर से रिटायर हुए हैं। ऐसे में राज्य में ये एफसीआर की नियुक्ति भी होनी है। वरिष्ठता के हिसाब से एफसीआर के लिए सबसे ऊपर होम सेक्रेटरी टीवीएसएन प्रसाद का नाम है। आमतौर पर इस तरह के पदों पर आईएएस की नियुक्ति में सरकार वरिष्ठता को तोड़ती नहीं है। अब यह देखना रोचक रहेगा कि खुल्लर के सीएमओ में आने के बाद किस तरह के बदलाव ब्यूरोक्रेसी में होते हैं। खुल्लर के बारे में यह धारणा आम है कि सरकारी फाइलों को काफी तेजी से निपटाते हैं। उनके कार्यालय में कभी भी कोई फाइल पेंडिंग नहीं रहती। राजेश खुल्लर की नियुक्ति से सरकार के मंत्रियों व विधायकों में भी खुशी है। ऐसा इसलिए क्योंकि खुल्लर अधिकांश फैसले अपने विवेक से करते रहे हैं। मुख्यमंत्री के सामने वे केवल उन्हीं मामलों को लेकर जाते हैं, जिन पर सीएम से चर्चा करनी अनिवार्य होती है। इसका फायदा यह होता है कि फाइल बेवजह लटकती नहीं हैं।

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