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हर प्रदेश में खास स्वाद भी है खिचड़ी का

06:57 AM Jan 09, 2024 IST
हर प्रदेश में खास स्वाद भी है खिचड़ी का
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दीप्ति अंगरीश
आप अलग-अलग तरह के खाने के शौकीन हों तो भी खिचड़ी को इतना कम नहीं आंकें। इसकी भी शान निराली है। यह भारत का पारंपरिक भोजन है। जिस तरह से देश के हर राज्य का खाना अलग तरह का है, वैसे ही राज्यवार खिचड़ी भी अलग-अलग तरीके से पकाई जाती है। इस मकर संक्रांति आप खिचड़ी खाएं और खिलाएं। साथ ही खिचड़ी की किस्में जानें। जानने के बाद नहीं कहेंगे आप कि खिचड़ी तो सिर्फ दाल-चावल मिलाकर, हींग, हल्दी, नमक, खूब सारा पानी और कुकर की 2-3 सीटी में बनती है। खाएंगे तो जानेंगे भारत के अलग-अलग राज्य की लजीज खिचड़ियों का स्वाद।
काबिलेगौर है कि खिचड़ी का पहला संदर्भ वेदों में है, जहां इसे क्षीरिका कहा गया है। बाद में, वर्ष 1017 में भारत की यात्रा करने वाले फ़ारसी विद्वान अल बिरूनी के लेखन में इस पकवान का संदर्भ सामने आया। इससे पहले 250 ईसा पूर्व के आसपास दार्शनिक चाणक्य ने लिखा था कि एक सज्जन के भोजन में ‘एक प्रस्थ शुद्ध चावल, एक प्रस्थ दाल, 1/62 प्रस्थ नमक और 1/16 प्रस्थ घी’। हाल ही में शिकागो स्थित खाद्य इतिहासकार कोलीन टेलर सेन ने एक साक्षात्कार में कहा था कि मुझे लगता है कि खिचड़ी भारतीय उपमहाद्वीप के एक सार्वभौमिक व्यंजन के सबसे करीब हो सकती है। यह हर जगह बहुत ज्यादा खाई जाती है, अफगानिस्तान सहित जहां इसका एक संस्करण है, छाने हुए दही से बना केचर कुरूत।

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राजस्थान की शाही खिचड़ी

वैसे गर्मियों में भी जमकर खाई जाती है खिचड़ी, लेकिन सर्दियां आते ही राजस्थान में खिचड़ी खूब बनायी-खाई जाती है। प्रमुख कारण है खिचड़ी अंदर से शरीर गर्म रखती है। यहां गेहूं की बीकानेरी खिचड़ी, जिसे जीरे वाले रायते के साथ खाया जाता है और राजवाड़ी खिचड़ियों को गर्मागम कढ़ी के साथ परोसा जाता है।

बंगाल की भोगर खिचड़ी

पश्चिम बंगाल में त्योहारों पर खिचड़ी खाई जाती है जिसे घी के साथ परोसा जाता है। बंगाली खिचड़ी को गोबिंदोभोग चावल और भूनी मूंग दाल से बनाया जाता है। इस खिचड़ी में खड़े मसालों का प्रयोग होता है। इसमें प्रमुख हैं तेज पत्ता, सूखी लाल मिर्च, जीरा और सौंठ पाउडर या कद्दूकस किया हुआ ताजा अदरक। इसमें तली हुई सब्जियां, बारीक कटा नारियल और थोड़ी-सी चीनी डाली जाती है। परोसते समय थोड़ा-सा गर्म मसाला बुरका जाता है और लाबरा या टमाटर की चटनी के साथ परोसा जाता है।

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कश्मीर का मूंग काशर

कश्मीर में खिचड़ी को मूंग काशर या मूंग ख्याचूर कहते हैं। इसे धुली मूंग दाल या साबुत मूंग दाल से बनाया जाता है। इसमें डाली जाती है मसूर दाल। इसमें खड़े मसालों में इलायची, दालचीनी और तेज पत्ते का प्रयोग होता है। दही या मूली की चटनी के साथ परोसा जाता है।

गुजरात की कढ़ी खिचड़ी

गुजरात में खिचड़ी को अरहर या मूंग दाल के साथ बनाया जाता है। इसमें सरसों, काली मिर्च, हींग, हल्दी और लौंग का तड़का लगाया जाता है। मीठा भी डाला जाता है। इसे छाछ या कढ़ी के साथ परोसा जाता है। गुड की मिठास डाली जाती है।

कर्नाटक की बिसी बेल भाथ

कर्नाटक में खिचड़ी को बिसी बेल भाथ कहा जाता है। इसे अरहर दाल, चावल, हल्दी और घी से बनाया जाता है। इसमें पूड़ी डाली जाती है। पूड़ी एक गीला मसाला है, जो गुड और इमली से बनता है।

महाराष्ट्र की मसाला खिचड़ी

यहां की खिचड़ी बहुत टेस्टी होती है। इसमें सब्जियां जैसे- प्याज, टमाटर, हरी मिर्चे, बीन्स, गाजर, गोभी और मटर डाले जाते हैं। इसमें जीरा, सरसों दाना, सफेद तिल, लौंग का तड़का लगता है। भुने पापड़ या आम के अचार के साथ परोसा जाता है।

बिहार की खिचूड़ी

मकर संक्रांति के अलावा बिहार में हर शनिवार खिचड़ी खाने की प्रथा है। यहां अरवा चावल और मूंग-मसूर दाल में खड़े मसालों का तड़का लगाया जाता है। इसमें सरसों तेल में तली सब्जियों को भी डाला जाता है। खिचूड़ी को कटहल, परवल या आम के अचार, पापड़ और घी के साथ परोसा जाता है।

तमिलनाडु का पोंगल

पोंगल की खासियत है कढ़ी पत्ते और सरसों दाने का तड़का। दाल चावल की इस डिश को खड़े मसालों का तड़का लगाया जाता है। इसे दही, पापड़ या पाचिड़ी के साथ परोसा जाता है। इसे मीठा भी बनाया जाता है। खिचड़ी में गुड़ या चीनी डाली जाती और हरी इलायची और सूखे मेवों का तड़का लगाया जाता है।

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