परिवहन विभाग से ‘खाकी’ की छुट्टी, मूल कैडर में जाएंगे पुलिस अधिकारी
चंडीगढ़, 15 जनवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री तथा केंद्रीय उर्जा व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर का एक्सपेरिमेंट (प्रयोग) प्रदेश के परिवहन, बिजली व श्रम मंत्री अनिल विज को रास नहीं आया है। पुलिस के अधिकारियों व जवानों की दूसरे विभागों में पोस्टिंग के शुरू से ही खिलाफ रहे विज ने अपने परिवहन विभाग को पुलिस मुक्त करने का काम कर दिया है। कांस्टेबल से लेकर डीएसपी रैंक तक के अधिकारियों को परिवहन विभाग में प्रतिनियुक्ति पर लगाया हुआ था।
अब नायब सरकार में परिवहन मंत्रालय की कमान विज के हाथों में है। विज ने जब काम संभाला तो उस समय विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी भी एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क के पास थी। विज की आपत्ति के बाद सरकार उन्हें भी परिवहन विभाग ने हटा चुकी है। प्रदेश में कई रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (आरटीए) में पुलिस जवानों व अधिकारियों की नियुक्ति की गई। अब विज के आदेशों के बाद परिवहन आयुक्त सीजी रजनी कांथन ने पत्र जारी करके सभी को मूल कैडर में जाने के आदेश दे दिए हैं।
यहां बता दें कि परिवहन विभाग में कांस्टेबल, हेड कांस्टेबल, एएसआई, सब-इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर के अलावा डीएसपी रैंक के अधिकारी कार्यरत थे। अब ये सभी अधिकारी व पुलिस जवान पुलिस विभाग में जाकर अपना कार्यभार संभालेंगे। विज शुरू से ही इसलिए खिलाफ रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि पुलिस और सिविल ड्यूटी अलग-अलग है। पुलिस के जवान और अधिकारी कानून व्यवस्था संभालने के लिए हैं। सिविल विभागों के कामकाज के लिए दूसरे अधिकारी व कर्मचारी हैं।
दूसरा पहलू यह भी है कि पुलिस जवानों की ट्रेनिंग कानून एवं व्यवस्था कंट्रोल करने के लिहाज से ही की जाती है। हालांकि, मनोहर सरकार ने अपने करीब साढ़े नौ वर्षों के कार्यकाल के दौरान आईपीएस व एचपीएस ही नहीं, बल्कि अन्य सेवाओं के अधिकारियों को भी सिविल पदों पर नियुक्ति दी। वर्तमान में भी कई ऐसे अधिकारी हैं, जो सिविल पदों पर कार्यरत हैं। दूसरी सेवाओं के अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी मामला जा चुका है।
अब खेमका के हवाले
एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क की जगह सरकार वरिष्ठ आईएएस डॉ. अशोक खेमका को परिवहन विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगा चुकी है। विज की आपत्ति के बाद ही सरकार ने आईपीएस अधिकारी विर्क को विज के विभाग से हटाया था। हालांकि, नवदीप सिंह विर्क के पास खेल विभाग के प्रधान सचिव की जिम्मेदारी है। पूर्व की खट्टर सरकार ने आरटीए सचिव के पद को भी बदल का डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर नाम दे दिया था। कई जिलों में डीएसपी रैंक के अधिकारियों को यह जिम्मा सौंपा था। विभाग के अधिकारियों में इस बात को लेकर नाराजगी भी रही। इसी तरह सब-इंस्पेक्टर व इंस्पेक्टर को एमवीओ (मोटर व्हीकल ऑफिसर) के पदों पर नियुक्ति दी हुई थी।