Kesari Chapter 2 : केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और CM रेखा गुप्ता ने देखी ‘केसरी चैप्टर 2', तारीफ करने से खुद को नहीं पाए रोक
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (भाषा)
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने एक विशेष कार्यक्रम के तहत अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2' देखी और भारतीय इतिहास के एक अनदेखे अध्याय को उजागर करने वाली इस फिल्म की प्रशंसा की।
‘केसरी चैप्टर 2', जलियांवाला बाग नरसंहार की एक अनकही कहानी को बयां करती है। यह फिल्म 18 अप्रैल को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। दोनों नेताओं ने दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा, आशीष सूद, भाजपा सांसदों अनुराग ठाकुर और बांसुरी स्वराज के साथ-साथ अक्षय और उनके सह-कलाकार आर माधवन के संग फिल्म देखी।
पुरी ने फिल्म देखने के बाद कहा कि मैं चाहता हूं कि युवा इस फिल्म को देखें, इससे प्रेरणा लें और दिखाएं कि कैसे मुश्किल परिस्थितियों में भी ऐसे लोग खड़े होते हैं और धारा के विपरीत काम करते हैं। इसी तरह देश स्वतंत्र हुआ। इसी तरह हम आज जो हैं, वह हैं। हम दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने जा रहे हैं, इसी तरह हम आत्मविश्वास हासिल कर रहे हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि विपक्षी पार्टी के नेताओं को अपने बच्चों के साथ यह फिल्म देखनी चाहिए। मैं इसे कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता। इनमें से कुछ चीजों के प्रति कांग्रेस का रवैया, वे अपने परिवार को बढ़ावा देने में इतने व्यस्त रहे हैं कि वे व्यापक वास्तविकता और देश के विकास के लिए वास्तव में क्या महत्वपूर्ण है उसे भूल गए हैं।
निर्देशन के क्षेत्र में कदम रख रहे करण सिंह त्यागी द्वारा निर्देशित यह फिल्म वकील सी शंकरन नायर की सच्ची कहानी को बयां करती है, जिन्होंने 1920 के दशक में ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी थी। यह फिल्म नायर के प्रपौत्र रघु पलात और उनकी पत्नी पुष्पा पलात की किताब ‘द केस दैट शूक द एम्पायर' पर आधारित है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी फिल्म की तारीफ करते हुए कहा कि इसे देखकर उनके रोंगटे खड़े हो गए।
उन्होंने कहा कि यह एक शानदार फिल्म है। मैंने आधी फिल्म देखी है और पूरी देखना चाहूंगी। मैं हमेशा कहती हूं कि हमें देश के लिए मरने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन हम अपने देश के लिए जीना शुरू कर सकते हैं। देश की आजादी के लिए करोड़ों लोगों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, लेकिन हम उनके नाम तक नहीं जानते। यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने देश के लिए जीना शुरू करें।