केजरीवाल के पीए और आप विधायक से पूछताछ
नयी दिल्ली, 8 अप्रैल (एजेंसी)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सहायक (पीए) बिभव कुमार और आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दुर्गेश पाठक से आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में सोमवार को पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि कुमार का बयान धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत दर्ज किया जा रहा है। ईडी इस मामले में इन दोनों से पहले भी पूछताछ कर चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल की गतिविधियों और कार्यक्रमों के सिलसिले में कुमार से पूछताछ जरूरी है। एजेंसी ने अपने पहले के आरोपपत्रों में आरोप लगाया था कि दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुमार सहित कम से कम 36 आरोपियों ने कथित घोटाले में हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत के सबूत छुपाने के लिए 170 फोन नष्ट किए, इस्तेमाल किए या बदल दिए। समझा जाता है कि राजिंदर नगर निर्वाचन क्षेत्र से आप के विधायक पाठक को एजेंसी ने गोवा विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के 2021-22 चुनाव अभियान के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था।
कविता को अंतरिम जमानत नहीं दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी नीति से संबंधित धन शोधन मामले में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि उन्हें अंतरिम जमानत देने का यह उचित समय नहीं है। कविता ने अंतरिम जमानत दिए जाने का आग्रह करते हुए कहा था कि उनके 16 वर्षीय बेटे की परीक्षाएं हैं और उसे अपनी मां के नैतिक और भावनात्मक समर्थन की जरूरत है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस दलील का विरोध करते हुए दावा किया कि कविता ने मामले में सबूत नष्ट किए और गवाहों को प्रभावित किया। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि कविता उस ‘साउथ ग्रुप’ की प्रमुख सदस्य थीं, जिस पर शराब लाइसेंस के एक बड़े हिस्से के बदले दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है।
कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ईडी के सामने हुईं पेश
रांची (एजेंसी): झारखंड में कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद कथित धनशोधन से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश हुईं। प्रसाद (36) यहां करीब ढाई बजे ईडी कार्यालय पहुंचीं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बरकागांव की विधायक प्रसाद को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए 4 अप्रैल को पेश होने को कहा गया था, लेकिन वह स्वास्थ्य मुद्दों का हवाला देकर पेश नहीं हुईं। फोटो -प्रेट्र