जमानत पर रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे केजरीवाल
06:48 AM Jun 24, 2024 IST
दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि पिल्लई को जेल में पर्याप्त उपचार मिल रहा है, इसलिए उसे चिकित्सा आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। पिल्लई ने अदालत से स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने की मांग करते हुए कहा कि उसके परिवार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों से सलाह ली है, जिन्होंने कहा है कि उन्हें 21 दिनों के पंचकर्म उपचार के लिए आयुर्वेदिक केंद्र में भर्ती होने की आवश्यकता है तथा इसके बाद 21 दिनों के आराम की भी जरूरत है। पिल्लई पर आरोप है कि उसने 2021 की आबकारी नीति तैयार और लागू किए जाने के दौरान अन्य आरोपियों के साथ बैठकों में 'साउथ ग्रुप' का प्रतिनिधित्व किया था। साउथ ग्रुप कथित तौर पर शराब व्यवसायियों और राजनेताओं का एक गिरोह है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में सत्तारूढ़ आप सरकार को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। ईडी ने दावा किया है कि पिल्लई बीआरएस की नेता के. कविता के करीबी सहयोगी हैं। कविता भी इस मामले में हिरासत में हैं।
नयी दिल्ली, 23 जून (एजेंसी)
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर दिल्ली हाईकोर्ट की अंतरिम रोक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अधीनस्थ अदालत ने 20 जून को उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन ईडी की याचिका पर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को जमानत पर अंतरिम रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों को 24 जून तक लिखित प्रतिवेदन दाखिल करने को कहा था। अदालत ने सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख तय की है।
गौर हो कि केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने जांच एजेंसी को अंतरिम राहत नहीं दी होती, तो सीएम तिहाड़ से बाहर आ जाते।
Advertisement
कारोबारी पिल्लई को जमानत देने से हाईकोर्ट का इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में न्यायिक हिरासत में बंद हैदराबाद के कारोबारी अरुण रामचंद्रन पिल्लई को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा कि पिल्लई को जेल में पर्याप्त उपचार मिल रहा है, इसलिए उसे चिकित्सा आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती। पिल्लई ने अदालत से स्वास्थ्य आधार पर जमानत देने की मांग करते हुए कहा कि उसके परिवार ने आयुर्वेदिक चिकित्सकों से सलाह ली है, जिन्होंने कहा है कि उन्हें 21 दिनों के पंचकर्म उपचार के लिए आयुर्वेदिक केंद्र में भर्ती होने की आवश्यकता है तथा इसके बाद 21 दिनों के आराम की भी जरूरत है। पिल्लई पर आरोप है कि उसने 2021 की आबकारी नीति तैयार और लागू किए जाने के दौरान अन्य आरोपियों के साथ बैठकों में 'साउथ ग्रुप' का प्रतिनिधित्व किया था। साउथ ग्रुप कथित तौर पर शराब व्यवसायियों और राजनेताओं का एक गिरोह है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली में सत्तारूढ़ आप सरकार को लाभ पहुंचाने के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। ईडी ने दावा किया है कि पिल्लई बीआरएस की नेता के. कविता के करीबी सहयोगी हैं। कविता भी इस मामले में हिरासत में हैं।
Advertisement
Advertisement