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केजरीवाल को जमानत

07:03 AM May 11, 2024 IST
केजरीवाल को जमानत
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लोकतांत्रिक परंपराओं की सरंक्षक देश की शीर्ष अदालत ने आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आम आदमी पार्टी के चुनाव अभियान को गति देने हेतु एक जून तक के लिये अंतरिम जमानत दे दी है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को सशर्त यह जमानत दी। इससे पहले शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा था कि केजरीवाल दिल्ली के निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं। वे कोई आदतन अपराधी नहीं हैं। कोर्ट का यह भी मानना था कि लोकसभा के चुनाव पांच साल में एक बार आते हैं। ऐसे में केजरीवाल को जमानत देने में कोई हर्ज नहीं है। केजरीवाल को 21 दिन की राहत देकर शीर्ष अदालत ने अपरोक्ष रूप से यही संदेश दिया है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनावी मुकाबले में हर दल व नेता को बराबरी का मौका मिलना चाहिए। इसी सोच के अनुरूप दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक जून तक के लिये अंतरिम जमानत मिली है। उल्लेखनीय है कि कथित शराब घोटाला कांड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में केजरीवाल को गत 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। अब केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करने को कहा गया है। कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि माना उन पर लगाए गए आरोप गंभीर हैं,लेकिन उन पर लगाए गए आरोप अभी सिद्ध नहीं हुए हैं। वहीं जमानत देने के साथ अदालत ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इस दौरान केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा पाएंगे। वे अपने केस से जुड़े किसी गवाह से कोई संपर्क करने की कोशिश भी नहीं करेंगे। उन्हें जेल से रिहाई के लिये पचास हजार रुपये की जमानत भरने को भी कहा गया। साथ ही इस दौरान वे किसी फाइल पर साइन नहीं करेंगे। यदि बहुत जरूरी हुआ तो उप राज्यपाल की अनुमति से ऐसा कर पाएंगे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में कोई बयानबाजी न करें।
बहरहाल, शीर्ष अदालत के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी तथा इंडिया गठबंधन के लिये चुनाव प्रचार अभियान में तेजी आने की उम्मीद जतायी जा रही है। हालांकि, इससे पहले ईडी ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का पुरजोर विरोध किया था। प्रवर्तन निदेशालय का तर्क था कि चुनाव प्रचार किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार नहीं है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया। केजरीवाल की रिहाई के बाद इंडिया गठबंधन के खेमे में खासा उत्साह देखा जा रहा है। गठबंधन के स्टार प्रचारक केजरीवाल का यूं तो दिल्ली में ही ज्यादा बोलबाला रहा है, जहां वे कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने के लिये आप के हिस्से में चार व कांग्रेस को तीन सीटें आई हैं। इस गठबंधन के तहत हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट आप के हिस्से में आई है। जहां 25 मई को वोट पड़ने हैं। वहीं पंजाब में सीटों को लेकर आप व कांग्रेस में कोई समझौता नहीं हो सका है। राज्य की तेरह सीटों पर आम आदमी पार्टी अकेले ही चुनाव लड़ रही है। पंजाब में अंतिम चरण में एक जून को वोटिंग होनी है। आप को दिल्ली व पंजाब में ज्यादा उम्मीदें हैं। अब तक दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पत्नी चुनाव प्रचार की बागडोर संभाले हुए थीं। उन्होंने रामलीला मैदान रैली के अलावा कुछ रोड शो भी किये थे। साथ ही वे संकल्प सभा व ‘जेल का जवाब वोट से’ अभियान में भी सक्रिय रहीं। वहीं पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ही चुनाव अभियान की बागडोर संभाले हुए थे। बहरहाल, केजरीवाल की रिहाई से इंडिया गठबंधन का उत्साह खासा बढ़ा है। पिछले दिनों जेल से रिहा हुए आप नेता संजय सिंह भी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में इंडिया गठबंधन की रैलियों में शिरकत करते रहे हैं। ऐसी ही उम्मीद गठबंधन के नेता केजरीवाल से भी कर रहे हैं ताकि पूरे देश में राजग गठबंधन के खिलाफ आक्रामक प्रचार किया जा सके।

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