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कथुनिया ने लगातार दूसरी बार जीता चक्का फेंक में रजत

07:46 AM Sep 03, 2024 IST
कथुनिया ने लगातार दूसरी बार जीता चक्का फेंक में रजत
पेरिस पैरालिंपिक में सोमवार काे चक्का फेंक स्पर्धा का रजत जीतने के बाद योगेश कथुनिया । -प्रेट्र
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पेरिस/शेटराउ, 2 सितंबर (एजेंसी)
भारत के योगेश कथुनिया ने पेरिस पैरालंपिक में पुरुषों की एफ56 चक्का फेंक स्पर्धा में 42.22 मीटर के सत्र के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ सोमवार को यहां रजत पदक जीता। कथुनिया ने इससे पहले टोक्यो पैरालंपिक में भी इस स्पर्धा का रजत पदक जीता था। इस 27 साल के खिलाड़ी ने अपने पहले प्रयास में मौजूदा सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 42.22 मीटर की दूरी तय की। ब्राजील के क्लॉडनी बतिस्ता डॉस सैंटोस ने अपने पांचवें प्रयास में 46.86 मीटर की दूरी के साथ इन खेलों का नया रिकॉर्ड कायम करते हुए पैरालंपिक में स्वर्ण पदक की हैट्रिक पूरी की। यूनान के कंन्स्टेंटिनो तजौनिस ने 41.32 मीटर के प्रयास के साथ कांस्य पदक जीता।
एफ 56 वर्ग में भाग ले वाले वाले खिलाड़ी बैठ कर प्रतिस्पर्धा करते है। इस वर्ग में ऐसे खिलाड़ी होते है जिनके शरीर के निचले हिस्से में विकार होता है और मांसपेशियां कमजोर होती है। कथुनिया नौ साल की उम्र में ‘गुइलेन-बैरी सिंड्रोम’ से ग्रसित हो गये थे। यह एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें शरीर के अंगों में सुन्नता, झनझनाहट के साथ मांसपेशियों में कमजोरी आ जाती है और बाद में यह पैरालिसिस का कारण बनता है। वह बचपन में व्हीलचेयर पर चलते थे लेकिन अपनी मां मीना देवी की मदद से वह बाधाओं पर काबू पाने में सफल रहे। उनकी मां ने फिजियोथेरेपी सीखी ताकि वह अपने बेटे को फिर से चलने में मदद कर सके।
निशानेबाज निहाल और भट बाहर : भारतीय निशानेबाज निहाल सिंह और आमिर अहमद भट सोमवार को यहां मिश्रित 25 मीटर पिस्टल (एसएच1) स्पर्धा के क्वालीफिकेशन दौर में क्रमश: 10वें और 11वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे। दोनों भारतीयों के प्रदर्शन में क्वालीफिकेशन के पहले चरण में निरंतरता दिखी।

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तुलसीमति को रजत, मनीषा को कांस्य

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों तुलसीमति मुरुगेसन और मनीषा रामदास ने सोमवार को यहां पैरालंपिक की महिला एकल एसयू5 स्पर्धा में क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीता। बाइस साल की शीर्ष वरीय तुलसीमति को फाइनल में चीन की गत चैंपियन यैंग कियू शिया के खिलाफ 17-21, 10-21 से हार का सामना करना पड़ा। दूसरी वरीय मनीषा ने डेनमार्क की तीसरी वरीय कैथरीन रोसेनग्रेन को 21-12 21-8 से हराकर कांस्य पदक जीता। एसयू5 वर्ग उन खिलाड़ियों के लिए है जिनके ऊपरी अंगों में विकार है। यह खेलने वाले या फिर दूसरे हाथ में हो सकता है। फोटो -प्रेट्र

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