साहित्य के रंग में रंगी पर्यटन नगरी कसौली
यशपाल कपूर/निस
सोलन, 18 अक्तूबर (निस)
पर्यटन नगरी कसौली में तीन दिवसीय खुशवंत सिंह लिट फेस्ट शुक्रवार को शुरू हुआ। यहां लिटफेस्ट का 13 वां संस्करण है, जिसका थीम ‘रेसीलेंस एंड रिन्यूऐबल’अर्थात लचीलापन और नवीनीकरण। खुशवंत सिंह लिटरेरी फेस्टिवल की शुरुआत एक प्रेरणादायक उद्घाटन सत्र के साथ हुई, जिसमें प्रतिष्ठित वक्ता बाची करकारिया और खुशवंत सिंह के बेटे और इस फेस्ट के आयोजक राहुल सिंह शामिल हुए। इस सत्र में बाची और राहुल ने विचारोत्तेजक चर्चाएं और साहित्यिक अन्वेषण किए, जो चुनौतियों का सामना करने में लचीलापन दिखाने वाली अनेक कहानियों और अनुभवों को साझा करता है।
खुशवंत सिंह लिट फेस्ट के पहले दिन के मुख्य वक्ता विलियम डेलरिम्पल रहे, जिन्होंने ‘पास्ट परफेक्ट’ पर अपनी बात रखी। इस ज्ञानवर्धक चर्चा में, डेलरिम्पल ने उल्लेखनीय भारतीय नवाचारों का वर्णन किया और बताया कि ऐतिहासिक योगदानों ने दुनिया भर में संस्कृतियों और समाजों को कैसे आकार दिया है, जिससे भारत की समृद्ध विरासत पर एक नया दृष्टिकोण मिलता है। यह सत्र इतिहास, संस्कृति और हमारी दुनिया के परस्पर जुड़ाव में रुचि रखने वाले सभी के लिए महत्वपूर्ण रहा।
इसके अलावा, प्रसिद्ध वायलिन वादक एल. सुब्रमण्यम ने “गोल्डन मेलोडीज़: ब्रिंगिंग द ईस्ट टू द वेस्ट” पर वार्ताकार नमिता देवीदयाल के साथ बातचीत की। सुब्रमण्यम का अभिनव दृष्टिकोण पश्चिमी हार्मोनिक संगीत के साथ भारतीय राग प्रणाली के एक अभूतपूर्व एकीकरण को प्रदर्शित करता है, जो संस्कृतियों के बीच सामंजस्यपूर्ण संवाद बनाने के लिए विविध परंपराओं को मिलाता है।
कला और उसके पर्यावरण का संबंध : अन्य वक्ता तस्नीम जक़ारिया मेहता और जनीता सिंह ने “एक संग्रहालय और एक कलाकार” पर चर्चा की, जिसमें वार्ताकार वीरांगना सोलंकी ने कला और उसके पर्यावरण के बीच गतिशील संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह पता लगाने का प्रयास किया कि कैसे कला समय के साथ हमसे बात करती है और पीढ़ियों तथा संस्कृतियों को जोड़ती है।
सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रचनात्मकता
वक्ता अनिंद्यो रॉय ने “एडवर्ड लीयर: एक और समय, एक और जगह” पर वार्ताकार गार्गी रावत के साथ बातचीत की। इस सत्र ने एडवर्ड लीयर के भारत से दिलचस्प और अक्सर अज्ञात संबंधों को उजागर किया, जो सांस्कृतिक आदान-प्रदान और रचनात्मकता के समृद्ध ताने-बाने को परिलक्षित करता है।
हास्य और ऊर्जा का समावेश
वक्ता प्रहलाद कक्कड़ ने “द जिंग थिंग!” पर वार्ताकार फिरोज गुजराल के साथ बातचीत की। कक्कड़ ने अपने जीवंत करियर के किस्से साझा करते हुए हास्य और ऊर्जा का समावेश किया, जिससे जीवन के हल्के पक्ष का अनुभव कराया। विचारोत्तेजक सत्र में वक्ता इयान कार्डोजो और प्रबल दासगुप्ता ने “करेज अंडर फायर: टेल्स ऑफ वेलोर एंड एडवेंचर” पर गंभीर चर्चा की। इसमें वार्ताकार मनराज ग्रेवाल रही। इस सत्र में असाधारण सैनिकों के लचीलेपन का एक शक्तिशाली प्रमाण पेश किया गया, जिसने युद्ध के मानवीय आयाम को उजागर किया। मनोरंजक कथाओं और व्यक्तिगत कहानियों के माध्यम से, कार्डोजो और दासगुप्ता ने विपरीत परिस्थितियों में दिखाए गए साहस और दृढ़ संकल्प को उजागर किया।