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कर्नाटक की कला और संस्कृति अन्य राज्यों से अलग : नवीन गोयल

10:27 AM Aug 20, 2024 IST
कर्नाटक की कला और संस्कृति अन्य राज्यों से अलग   नवीन गोयल
गुरुग्राम में सोमवार को आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते भाजपा नेता नवीन गोयल। -हप्र

गुरुग्राम, 19 अगस्त (हप्र)
वैश्य समाज धर्मशाला सेक्टर-4 में गुड़गांव कन्नड़ संघ की ओर से भगवान सत्यनारायण कथा का आयोजन किया गया। इस धार्मिक आयोजन में एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी के प्रदेश सह-संयोजक नवीन गोयल ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की।
इस दौरान उन्होंने कर्नाटक के लोगों के साथ कन्नड़ व हरियाणवी संस्कृति पर बात की। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि एक नवंबर को ही हरियाणा बना था और एक नवंबर को ही कर्नाटक (मैसूर) राज्य अस्तित्व में आया था। 26 साल पुराने गुड़गांव कन्नड़ संघ की ओर से भगवान सत्यनारायण कथा कार्यक्रम में संघ के सदस्यों ने नवीन गोयल का भव्य स्वागत किया।
एक भारत श्रेष्ठ भारत कमेटी केे प्रदेश सह-संयोजक नवीन गोयल ने कहा कि कर्नाटक की कला और संस्कृति अन्य राज्यों से अलग है। इस राज्य की यह विशेषता ही इसकी पहचान बन गई है। कर्नाटक की विरासत, संस्कृति, कला, भोजन, पोशाक, त्यौहार, परंपराएं अपने आप में अनूठी हैं। भी कर्नाटक वासियों को इस आयोजन की शुभकामनाएं देते हुए नवीन गोयल ने कहा कि अन्य राज्यों के निवासियों की तरह कर्नाटक के लोगों का भी गुरुग्राम के विकास में अहम योगदान है। गुरुग्राम में हीरो, होंडा, मारुति उद्योग कर्नाटक के लोगों भागीदारी से आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कन्नड़ भाषा को 4.50 करोड़ लोग बोलते हैं। यह देश की सबसे अधिक प्रयोग की जाने वाली भाषाओं में से एक है। खास बात यह है कि कन्नड़ भाषा में संस्कृत के शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है, जो हमारी भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को दर्शाता है।

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